Margashirsha Purnima 2025: कब पड़ेगी साल की आखिरी पूर्णिमा, जानें अगहन पूर्णिमा की पूजा विधि और उपाय

Margashirsha Purnima 2025: भगवान श्री कृष्ण ने जिस मास को स्वयं स्वरूप बताया है, उस मार्गशीर्ष या फिर कहें अगहन मास की पूर्णिमा कब पड़ेगी? स्नान-दान से लेकर पूजा-व्रत का शुभ मुहूर्त और विधि जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख. 

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Aghan Purnima 2025: मार्गशीर्ष (अगहन) पूर्णिमा की पूजा विधि एवं धार्मिक महत्व
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Margashirsha Purnima 2025 Date and time: सनातन पंरपरा में मार्गशीर्ष पूर्णिमा का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. भगवान श्री विष्णु की कृपा बरसाने वाली मार्गशीर्ष या फिर कहें अगहन मास की पूर्णिमा इस साल 04 दिसंबर 2025 को पड़ेगी. पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा या फिर कहें 15वीं तिथि 04 दिसंबर 2025 को 08:37 बजे प्रारंभ होकर अगले दिन भोर में प्रात:काल 04:43 बजे समाप्त होगी. ऐसे में अगहन पूर्णिमा के लिए स्नान-दान और व्रत आदि के लिए 04 दिसंबर 2025 का दिन ही उत्तम रहेगा. मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन जिस चंद्रोदय का बहुत महत्व माना गया है, वह इस दिन शाम को 04:35 बजे होगा. आइए श्री हरि की कृपा बरसाने वाली अगहन मास की पूर्णिमा की पूजा विधि और धार्मिक महत्व को विस्तार से जानते हैं. 

अगहन पूर्णिमा की पूजा विधि 

तन-मन से पवित्र होने के बाद साधक को अगहन पूर्णिमा की पूजा एवं व्रत को विधि-विधान से करने का संकल्प लेना चाहिए. फिर घर के ईशान कोण साफ स्थान पर एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें. फिर उस पर पवित्र जल छिड़कने के बाद भगवान विष्णु को पुष्प, रोली, चंदन, धूप, दीप, फल, मिष्ठान, तुलसी आदि अर्पित करें. इसके बाद पूर्णिमा व्रत की कथा कहें. अगहन पूर्णिमा पर श्री हरि को मनाने के लिए आप विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ भी कर सकते हैं. 

कैसे करें चंद्र देवता की पूजा 

अगहन पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के साथ चंद्र देवता के दर्शन और पूजन का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. ऐसे में इस दिन शाम के समय तन और मन से पवित्र होने के बाद चंद्र देवता का दर्शन और विधान से पूजन करना न भूलें. चंद्र देवता को प्रसन्न करने के लिए उन्हें एक लोटे में जल, दूध और मिश्री मिलाकर अर्घ्य दें और 'ॐ सोमाय नमः' का अधिक से अधिक मंत्र जपें. 

अगहन पूर्णिमा के उपाय

  • हिंदू मान्यता के अनुसार अगहन पूर्णिमा के दिन पीपल देवता को एक लोटे में जल और चीनी मिलाकर अर्पित करने पर श्रीहरि और महादेव के साथ माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. 
  • अगहन पूर्णिमा पर गंगा स्नान और दान अवश्य करना चाहिए. अगहन पूर्णिमा का पुण्यफल पाने के लिए इस पावन दिन सफेद रंग के वस्त्र, चावल, चीनी, दूध आदि का दान करना चाहिए. 

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  • अगहन पूर्णिमा के दिन श्री हरि की कृपा पाने के लिए उनके मंत्र ‘ॐ नमो नारायण' और चंद्र देवता की कृपा पाने के लिए ‘ॐ सों सोमाय नमः' का अधिक से अधिक जप करना चाहिए. 
  • अगहन पूर्णिमा पर विष्णुप्रिया कहलाने वाली माता तुलसी के सामने शुद्ध देशी घी का दीया जलाना चाहिए. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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