इस शुभ योग में पड़ रहा है मंगला गौरी का व्रत, जानिए महत्व और पूजा विधि

Sawan ka mahina 2023 : इस बार सावन का महीना 4 जूलाई से शुरू हो रहा है, जो कि 31 को खत्म होगा. इस बार पहला मंगला गौरी व्रत की तारीख, पूजा विधि और महत्व क्या है उसके बारे में बताते हैं.

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Mangla Gauri Vrat : भगवान शिव (Shiva) और मां पार्वती (godess parvati) का व्रत मंगला गौरी इस बार बड़े ही शुभ योग में बन रहा है, यह व्रत सावन के महीने में मंगलवार को रखा जाता है, इसलिए इसको मंगला गौरी के व्रत के नाम से जानते हैं. इस बार सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू हो रहा है, जो कि 31 को खत्म होगा. इस बार पहला मंगला गौरी का व्रत 4 जुलाई को रखा जाएगा. इसके अलावा सावन में कितने मंगला गौरी के उपावस पड़ रहे हैं लेख में आपको एक एक करके बताने जा रहे हैं, ताकि आपका व्रत ना छूटे.

सावन मंगला गौरी व्रत की शुभ तारीख 2023

  • पहला मंगला गौरी व्रत, 04 जुलाई, दूसरा मंगला  11 जुलाई मंगला गौरी व्रत 18 जुलाई  मंगला गौरी व्रत 25 जुलाई. पांचवा मंगला गौरी व्रत 01 अगस्त, छठा मंगला गौरी व्रत 08 अगस्त, सातवा मंगला गौरी व्रत 15 अगस्त, आठवा मंगला गौरी व्रत 22 अगस्त, नौवां मंगला गौरी व्रत 29 अगस्त. 

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मंगला गौरी पूजा विधि

  • मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat 2022:) के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्यकर्म से निवृत होकर स्नान कर लें. इसके बाद साफ-सुथरे पहनकर मां पार्वती का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें. इसके साथ ही 'मम पुत्रापौत्रासौभाग्यवृद्धये श्रीमंगलागौरी प्रीत्यर्थं पंचवर्ष पर्यन्तं मंगला गौरी व्रतमहं करिष्ये' इस मंत्र को बोलते हुए किसी साफ चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर मां पर्वती की तस्वीर रखें. 

  • आटे की दीपक बनाकर उसमें गाय का घी भरकर मां पर्वती की तस्वीर के सामने रखकर जलाएं. इसके बाद मां पार्वती का षोडशोपचार पूजन करें. साथ ही माता पार्वती को लौंग, सुपारी, इलायची, फल, पान, लड्डू, सुहाग की सामग्रियां, 16 मालाएं, 16 चूड़ियां इत्यादि अर्पित करें. साथ ही मिठाई का भोग लगाएं. पूजा के दौरान ओम् गौरी शंकराय नमः इस मंत्र का जाप करें.

मंगला व्रत का महत्व 

  • धार्म शास्त्रों में मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat) का खास महत्व बताया गया है. मान्यता है कि विधिपूर्वक मंगला गौरी व्रत करने से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही दांपत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है. मंगला गौरी व्रत रखने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है. इसके साथ ही यह व्रत संतान प्राप्ति की कामना रखने वाली महिलाओं के लिए भी शुभ फलदायी होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिनके दांपत्य जीवन में समस्या बनी रहता है, उन्हें मंगला गौरी का व्रत रखना चाहिए. माना जाता है कि मंगला गौरी व्रत से दांपत्य जीवन का कलह-क्लेश खत्म हो जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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