Adhikmas 2023: पंचांग के अनुसार, इस साल मलमास 18 जुलाई से शुरू हो रहे हैं. मलमास को अधिकमास भी कहा जाता है और इसे पुरषोत्तम मास (Purshottam Mas) भी कहते हैं. अधिकमास के चलते ही इस साल सावन एक महीना का ना होकर 2 महीनों तक मनाया जा रहा है. आमतौर पर सावन एक माह का होता है परंतु इस साल सावन 59 दिनों का है. मलमास (Malmas) भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इस अवधि में श्रीहरि की विशेष पूजा-आराधना की जाती है. अपितु इस माह किसी तरह के विवाह और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. अधिकमास में कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखने की सलाह भी दी जाती है.
अधिकमास में ध्यान रखने वाली बातें
- मान्यतानुसार अधिकमास या मलमास धार्मिक कार्यों के लिए उत्तम समय होता है. इस माह विष्णु सहसहस्त्रनाम का पाठ, विष्णु, पूजा, राम कथा या फिर गीता का पाठ कराना बेहद फलदायी माना जाता है.
- मलमास में नृसिंह भगवान और श्री कृष्ण (Shri Krishna) की कथा भी करवाई जा सकती है.
- इस माह शास्त्रों के अनुसार दीपदान का विशेष महत्व होता है. मंदिर जाना और अधिकमास के दौरान वृक्ष लगाना भी अच्छा माना जाता है.
- मलमास के दौरान जौ, चावल, जीरा, सेंधा नमक, ककड़ी, बथुआ, मटर, दही, दूध और तिल आदि का सेवन करने की सलाह दी जाती है. जरूरतमंदों को भोजन करवाना भी इस महीने शुभ होता है.
- इस माह कुछ काम ना करने की सलाह भी दी जाती है. माना जाता है कि तिलक, मुंडन (Mundan), कान छेदना, गृह प्रवेश और श्राद्ध आदि इस महीने नहीं कराने चाहिए.
- मलमास के दौरान तामसिक भोजन जैसे मांस, मछली, उड़द, प्याज और लहसुन आदि खाना वर्जित माना जाता है. इन भोजन सामग्री को खाने से परहेज के लिए कहा जाता है.
- इस महीने मकान, दुकान और वाहन आदि की खरीदारी ना करने के लिए कहा जाता है. मान्यतानुसार गलत व्यवहार और भाषा पर खासतौर से ध्यान दिया जाना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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