Mahalakshmi vrat puja 2022 : सुख-समृद्धि और धन की देवी महालक्ष्मी का व्रत बहुत फलदायी होता है. इनका पूजा और व्रत करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. जीवन में किसी प्रकार की कोई नकारात्मकता नहीं होती है. इस वजह से लोग देवी लक्ष्मी (devi lakshmi) की पूजा बहुत विधि विधान से करते हैं, उनको किसी प्रकार से रूष्ट नहीं करते हैं. आज महालक्ष्मी का व्रत रखा जाएगा इसलिए आपको इसके शुभ मुहूर्त (shubh muhurat) और पूजा विधि (puja vidhi) के बारे में जान लेना चाहिए, तो चलिए जानते हैं.
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महालक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त
महालक्ष्मी का व्रत राधा अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. यह व्रत सुहागिन स्त्रियां 3 सितंबर को 12 बजकर 28 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 4 सितंबर को सुबह 10 बजकर 39 मिनट तक रहेगा.
महालक्ष्मी पूजा विधि
महालक्ष्मी व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा-अर्चना करती हैं. इस दिन मां लक्ष्मी को सुहाग की सामग्री जैसे- साड़ी, बिंदी, सिंदूर, बिछिया, चूड़ी आदि अर्पित की जाती हैं. साथ ही ऐसा करते हुए मां लक्ष्मी से घर में सुख समृद्धि के लिए कामना की जाती है. इस व्रत में नारियल को प्रतीक मानकर महालक्ष्मी जी की प्रतिमा बनाई जाती है. हालांकि अलग-अलग जगह व्रत करने की परंपराएं अलग-अलग हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन कमलगट्टे की माला का जाप करना भी अच्छा होता है. इसके साथ ही इस दिन श्रीयंत्र की पूजा करना भी शुभ माना गया है. देश के अधिकांश हिस्सों में सुहागिन महिलाएं ही इस व्रत को करती हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)