मथुरा : अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर ब्रज में भी अद्भुत उत्साह व उल्लास का माहौल है और कृष्ण की नगरी ‘राममय' हो गयी है. योगिराज श्रीकृष्ण की नगरी में हर सड़क, चौराहे पर बस भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की धूम मची है. मथुरा-वृन्दावन नगर निगम ने ऐसे में प्रमुख चौराहों पर विभिन्न कलाकृतियों और बिजली की झालरों से सजाया है. मथुरा में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के मद्देनजर साज सजावट के साथ-साथ जगह-जगह भण्डारे के आयोजन किए गए हैं. सरकारी स्तर पर भी कई कार्यक्रम आयोजित किए गये हैं. महानगर के प्रमुख गोवर्धन चौराहे (अटल चौक) पर झांसी के सैंड आर्टिस्ट समीर द्वारा रेत से बनाई गई प्रभु श्रीराम के मंदिर की कृति देखते ही बन रही है. रेत से बनी इस आकृति को देखने के लिए भारी भीड़ वहां उमड़ रही है.
लोग-बाग बरबस ही कह रहे हैं कि प्रभु श्रीराम के आगमन ने छोटे व्यापारियों की जनवरी माह में ही दिवाली करा दी है. मिट्टी के दीपक, आकर्षक लाइटिंग की झालरें, झंडियां आदि की खूब बिक्री हुई है. बाजार में दो दिन से ग्राहकों की खूब भीड़ दिखी.
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान व वृन्दावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर सहित अन्य कई मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण ने सोमवार को प्रभु श्रीराम के रूप में दर्शन दिए. भगवान कृष्ण ने बांसुरी के साथ-साथ धनुष बाण भी धारण कर रखे थे. यह अद्भुत दृश्य देख श्रद्धालु खुद को अभिभूत अनुभव कर रहे थे.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर स्थित भागवत भवन के राधा-कृष्ण मंदिर को अयोध्या का स्वरूप देने का प्रयास किया गया, तो भगवान राधा और कृष्ण की छवि को भगवान राम और सीता के रूप में सजाया गया है. भव्य फूल बंगले में सजी उनकी छवि की आभा देखते ही बनती है. मंदिर के प्रांगण में सुबह से ही निरंतर प्रसाद वितरण जारी रहा.
ठाकुर द्वारिकाधीश मंदिर को भव्य रोशनी से जगमग किया गया है. यहां ठाकुरजी ने अपने मूल स्वरूप में ही दिव्य दर्शन दिए. मंदिर में सुबह 10 से 11 बजे तक प्रसाद वितरण किया गया. शाम को भव्य दीपदान होगा. प्राचीन केशवदेव मंदिर को सजाकर सुबह सुंदरकाण्ड का पाठ किया गया. महिलाओं ने बधाई गायन किया. यहां ठाकुर जी ने श्री राम के रूप में ही धनुष बाण धारण कर अपने भक्तों को दर्शन दिया.
इसी प्रकार, वृन्दावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भी श्रद्धालुओं को आज अपने आराध्य भगवान रामलला का रूप धारण किए हुए नजर आए. श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, द्वारकाधीश मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी भव्य सजावट की गयी.
नगर निगम के वृन्दावन कार्यालय के कर निरीक्षक श्रीगोपाल वशिष्ठ ने बताया कि ओडिशा के कलाकारों द्वारा देवरहा घाट और कान्हा गोशाला के बाहर राम मंदिर और भगवान राम की प्रतिमूर्ति बनाई गया. देवरहा बाबा घाट पर शाम चार बजे दीपोत्सव होगा. वहीं, जुगल घाट पर 500 किलोग्राम फूलों से रंगोली बनाई गई व विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए.
वृन्दावन में नगर निगम के सहयोग से वृन्दावन बाल विकास परिषद के तत्वावधान में रविवार को भगवान श्रीराम के 500 स्वरूपों की शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों के बच्चों ने श्रीराम का स्वरूप धारण कर नगर भ्रमण किया. लोगों ने जगह-जगह शोभायात्रा पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया.
परिषद के संरक्षक अवधेश अग्रवाल ने कहा कि आज संपूर्ण विश्व राममय हो रहा है तो भगवान कृष्ण की नगरी भी राम के बाल रूपों से राममय हो रही है. केशीघाट से शुरू हुई शोभायात्रा में रंग-बिरंगे पुष्पों से सजे रजत डोले में विराजमान माता जानकी, श्रीराम, लक्ष्मण और हनुमानजी की प्रतिमा को नमन-वंदन करने के लिए भक्तों में होड़ मची रही.
जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेष कुमार पाण्डेय ने बताया कि जिले में करीब 700 मंदिरों में प्राण-प्रतिष्ठा संबंधी आयोजन किए जा रहे हैं, जिनकी सुरक्षा व वहां आने वाले श्रद्धालुओं की रक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. वहीं, ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है. इसकी निगरानी पुलिस अधीक्षक (नगर) कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि की त्रिस्तरीय सुरक्षा को पहले से भी ज्यादा सतर्क कर खास इंतजाम किए गए हैं. शाही ईदगाह वाले मार्ग पर सिर्फ स्थानीय लोगों को ही प्रवेश दिया जा रहा है. वहां के स्थानीय निवासियों के रिश्तेदारों को जांच-पड़ताल के बाद प्रवेश दिया जा रहा है. इसके अलावा बांकेबिहारी मंदिर समेत अन्य मंदिरों की भी सुरक्षा बढ़ाई गई है.
रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर सीसीटीवी नियंत्रण कक्ष के जरिए निगाह रखी जा रही है. सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने इलाके के होटल, गेस्ट हाउस, सराय, आश्रम आदि में आने-जाने वालों पर निगाह रखने के निर्देश दिए गए हैं.
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