Govardhan Puja 56 bhog : दिवाली (diwali) के अगले दिन यानी प्रतिपदा को देश भर में गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja ) का त्योहार मनाया जाता है. कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की विधिवत पूजा की जाती है. इस बार यानी 2024 में गोवर्धन पूजा 2 नवंबर की पड़ रही है. भक्त इस दिन गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाकर इसकी पूजा करते हैं और इस मौके पर भगवान कृष्ण को छप्पन भोग यानी अन्नकूट का भोग लगाया जाता है. आपको बता दें कि भगवान कृष्ण को छप्पन भोग लगाने का बहुत महत्व है.कहा जाता है कि इस भोग में सभी रस समाहित होते हैं और इसे ही अन्नकूट कहा जाता है. चलिए जानते हैं इसका महत्व है और साथ ही जानेंगे कि छप्पन भोग में कौन-कौन से पकवान शामिल होते हैं.
छप्पन भोग का महत्व - importance of chhappan bhog
इंद्र के अहंकार को तोड़ने के लिए भगवान कृष्ण ने सात दिन तक अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाए रखा. इस दौरान वो भूखे रहे और पानी तक नहीं पिया. आठ पहर मां यशोदा के हाथ से तरह-तरह के पकवान खाने वाले कृष्ण जब इतने दिन तक जनहित में भूखे रहे तो उनके लौटने पर मां यशोदा ने ब्रजवासियों के साथ मिलकर उनके लिए 56 भोग तैयार किए और प्रेम से उनको भोजन कराया. इस छप्पन भोग में सात दिन और आठ पहर के हिसाब से 56 तरह के पकवान बनाए गए ताकि भगवान कृष्ण का कोई पहर भूखा ना रह जाए.
क्या क्या है छप्पन भोग में शामिल - what is chhappan bhog
छप्पन भोग में दुनिया भर में छह तरह के स्वाद कहे गए हैं. खट्टा, मीठा, कसैला, कड़वा, अम्लीय और नमकीन. इन सभी छह स्वादों को मिलाकर 56 तरह के पकवान बनाए जाते हैं. इनमें मूंग दाल हलवा, माखन, मिश्री, पंजीरी, जलेबी, मालपुआ, काजू बादाम बर्फी, चटनी, पकौड़े, साग, दही, दूध, कढ़ी, चावल, खिचड़ी, चीला, मुरब्बा, आम,केला, किशमिश, बैंगन की सब्जी, दूधी की सब्जी, मक्खन, ताजी क्रीम, नारियल पानी, रसगुल्ला, रबड़ी, बादाम का दूध, छाछ, शिकंजी, भुजिया, पान, मेवे, सुपारी, मीठे चावल, चने की सब्जी, शिकंजी, टिक्की, दलिया, अंगूर, शक्करपारा, पंचामृत, मोहनभोग, पेड़ा, घेवर, जीरा लड्डू, मठरी, आलूबुखारा कचौरी जैसी चीजें शामिल की जाती हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)