आमलकी एकादशी का दिन बेहद शुभ माना जाता है, जाने इस विशेष दिन के बारे में

पद्म पुराण के अनुसार, आमलकी एकादशी का व्रत रखने से सैकड़ों तीर्थ करने के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही कई यज्ञों को करने के बराबर फल की प्राप्ति होती है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
वैदिक पंचांग के अनुसार, आमलकी एकादशी के दिन रवि योग के साथ कई और योग बन रहे हैं.

 Amalaki Ekadashi 2024 : हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है.हर मास के कृष्ण और शुक्ल पक्ष में एक-एक एकादशी पड़ती है और हर एकादशी का विशेष महत्व है. ऐसे ही फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी कहा जाता है. इसे काफी लोग आंवला एकादशी भी कहते है. दरअसल, आमलकी एकादशी का दिन बेहद शुभ और कल्याणकारी माना जाता है. यह दिन श्रीहरि विष्णु को समर्पित है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन सच्ची श्रद्धा के साथ पूजा- अर्चना करने से जीवन की सभी मुश्किलों का अंत होता है. साथ ही श्री हरि के साथ-साथ माता लक्ष्मी का आशिर्वाद भी मिलता है.  इस दिन भगवान विष्णु को आंवले का फल चढ़ाया जाता है, जिसके चमत्कारी लाभ जीवन में भी देखने को मिलते हैं.

आमलकी एकादशी क्यों है विशेष

इस दिन आंवले को आप पवित्र पानी में रख दीजिए, फिर उस पवित्र फल को लेकर और ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का उच्चारण करते हुए अपने पूरे घर में उस पानी का छिड़ाव करिए. ऐसा करने से घर में सुख-शांति का आगमन होगा. साथ ही साथ आपके ग्रह क्लेश समाप्त होंगे.

आमलकी एकादशी के दिन यदि आप आंवले के पानी का पूरे घर में छिड़काव कर रहें हैं, तो उसके पत्ते से ही करें. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन ज्यादा से ज्यादा आंवले से जुड़ी चीजों का उपयोग करना शुभ माना जाता है. इसके साथ ही धन की देवी भी प्रसन्न होती हैं. ऐसी मान्यता है कि यह दिव्य फल हर तरह से लाभकारी है.

Advertisement

आमलकी एकादशी के दिन आंवले से बनी मिठाई का भोग श्रीहरि को लगाना बहुत अच्छा माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इसकी मिठाई का भोग भगवान विष्णु को लगाने से उनकी पूर्ण कृपा मिलती है. साथ ही अक्षय फलों की प्राप्ति होती है.

Advertisement

आमलकी एकादशी पर बन रहा शुभ योग

वैदिक पंचांग के अनुसार, आमलकी एकादशी के दिन रवि योग के साथ कई और योग बन रहे हैं, जैसे 20 मार्च को सुबह 06 बजकर 25 मिनट से रवि योग शुरू होगा, जो रात 10 बजकर 38 मिनट पर समाप्त होगा. इसके साथ ही अतिगण्ड योग सुबह से शाम 05 बजकर  01 मिनट तक है. इसके अलावा पुष्य नक्षत्र रात 10 बजकर 38 मिनट तक है.

Advertisement

पद्म पुराण के अनुसार, आमलकी एकादशी का व्रत रखने से सैकड़ों तीर्थ करने के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही कई यज्ञों को करने के बराबर फल की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.

Advertisement

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

Featured Video Of The Day
Maharashtra Accident BREAKING: Pune में डंपर ने फुटपाथ पर सो रहे 9 लोगों को कुचला, 3 की मौत
Topics mentioned in this article