Kharmas 2021: जानिये खरमास की पौराणिक कथा, इन शुभ कार्यों पर एक महीने रहेगी रोक

Kharmas 2021 Date: खरमास के महीने को शास्त्रों में शुभ नहीं माना गया है. इस दौरान मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है. साथ ही कुछ नियमों का पालन करने के बारे में भी बताया गया है. जानिए कब से शुरू हो रहा है ये माह और क्या हैं इसके नियम.

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नई दिल्ली:

खरमास (Kharmas) की शुरुआत हो चुकी है. इस दौरान सभी मांगलिक कार्य जैसे- शादी, सगाई, यज्ञोपवीत, गृह प्रवेश, मुंडन आदि तमाम शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है. इसके साथ ही नया घर या वाहन आदि खरीदने की भी मनाही होती है. इस दौरान किसी भी तरह का शुभ काम नहीं किया जाता है. मान्यता है कि इस महीने में सूर्य की चाल धीमी हो जाती है, जिसके चलते कोई भी शुभ कार्य सफल नहीं होता. खरमास के महीने को शास्त्रों में शुभ नहीं माना गया है. इस दौरान मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है. साथ ही कुछ नियमों का पालन करने के बारे में भी बताया गया है. जानिए कब से शुरू हो रहा है ये माह और क्या हैं इसके नियम व पौराणिक कथा.

खरमास की पौराणिक कथा

खरमास को लेकर एक पौराणिक कथा प्रचलित है. भगवान सूर्यदेव अपने सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर लगातार ब्रह्मांड की परिक्रमा करते है. सूर्यदेव को कहीं भी रुकने की इजाजत नहीं है, लेकिन रथ में जुड़े घोड़े लगातार चलने और विश्राम न मिलने के कारण थक कर चूर हो जाते हैं. घोड़ों की ऐसी हालत देखकर सूर्यदेव का मन भी एक बार द्रवित हो गया, जिसके बाद वे घोड़ों को तालाब के किनारे ले गए, लेकिन सूर्यदेव को तभी यह भी आभास हुआ कि अगर रथ रुका तो अनर्थ हो जाएगा, लेकिन जब वे तालाब के पास पहुंचे तो देखा कि वहां दो खर मौजूद हैं.

Kharmas 2021: खरमास की हो चुकी है शुरुआत, एक महीने नहीं होंगे मांगलिक कार्य

भगवान सूर्यदेव ने घोड़ों को पानी पीने और विश्राम देने के लिए वहां छोड़ दिया और खर यानी गधों को रथ में जोड़ लिया. गधों को सूर्यदेव का रथ खींचने में काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही थी. इस दौरान रथ की गति हल्की हो जाती है. इस दौरान जैसे-तैसे सूर्यदेव इस दौरान एक मास का चक्र पूरा करते हैं. इस बीच घोड़े भी​ विश्राम कर चुके होते हैं. इसके बाद सूर्य का रथ फिर से अपनी गति में लौट आता है. इस तरह हर साल ये क्रम चलता रहता है, इसीलिए हर साल खरमास लगता है.

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खरमास में इन बातों का रखें ध्यान

  • वैवाहिक कार्य, गृह प्रवेश, भूमि पूजन, मुंडन आदि कोई भी मांगलिक कार्य न करें.
  • मन में किसी के प्रति बुरी भावना न लाएं.
  • इस माह के दौरान मांस-मदिरा और शराब का सेवन न करें. संभव हो तो प्याज और लहसुन से भी परहेज करें.
  • खरमास में चारपाई त्यागकर जमीन पर सोना चाहिए. इससे सूर्यदेव की कृपा बरसती है.
  • खरमास में थाली छोड़कर पत्तल में भोजन करना शुभकारी माना गया है.
  • इस माह लोगों को किसी से लड़ाई-झगड़ा करने से बचना चाहिए, झूठ नहीं बोलना चाहिए.
  • खरमास में भगवान विष्णु की पूजा अत्यंत लाभकारी है. मां लक्ष्मी का आगमन होता है.
  • तुलसी पूजा करनी चाहिए. शाम को तुलसी पौधे पर घी दीपक जलाएं. समस्याएं कम होंगी.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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