Ketu 2023: ज्योतिष शास्त्र में अंकों का बड़ा महत्व है. अंकों की महत्ता को देखते हुए कालांतर में ज्योतिष शास्त्र की एक शाखा अंक ज्योतिष का उदय हुआ. अंग ज्योतिष की भविष्यवाणी भी बेहद खास होती है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक 1-9 के सभी अंक किसी ना किसी ग्रह से संबंध रखते हैं. इस तरह 1 अंक सूर्य का, 2 अंक चंद्र का, 3 अंक गुरु का, चार अंक राहु का, 5 अंक बुध का, 6 का शुक्र, 7 का केतु, 8 का शनि और 9 का स्वामी ग्रह मंगल है. ज्योतिष शास्त्र के जानकारों की मानें तो साल 2023 केतु का रहने वाला है. ऐसे में जिन लोगों की कुंडली में केतु की दशा या महादशा है, उन्हें कुछ हद तक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. आइए जानते हैं कि केतु के कष्टों से मुक्ति पाने के लिए क्या करें.
नए साल में केतु से मुक्ति के लिए कर सकते हैं ये काम
ज्योतिष शास्त्र में केतु को पाप ग्रह कहा गया है. इस ग्रह की अनुकूलता से इंसान खूब आध्यात्मिक उन्नति करता है. वहीं अलग यह पाप ग्रह कुंडली में अच्छी स्थिति में नहीं है तो इंसान को कंगाल होते भी देर नहीं लगती. ऐसे में इस ग्रह से मुक्ति पाने के लिए कोयले के 8 टुकड़े साल के पहले मंगलवार से लगातार आठ मंगलवार तक नदी या बहते पानी में प्रवाहित करें. इससे तरक्की में बाधा नहीं आएगी. साथ ही केतु ग्रह शांत रहेगा.
ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः यह केतु का बीज मंत्र है. ज्योतिष शास्त्र के जानकार बताते हैं कि केतु दोष से मुक्ति पाने के लिए रोजाना इस मंत्र का जाप करना उत्तम है. नियमित स्नान से बाद इस मंत्र का जाप करने से केतु से छुटकारा मिल सकता है. इसके अलावा नए साल में कालिया नाग पर कृष्ण के नृत्य करती तस्वीर के समक्ष आसन पर बैठकर 'ॐ नमो : भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करें. माना जाता है कि ऐसा करने केतु दोष से मुक्ति मिलने लगती है.
पंडितों के मुताबिक नए साल में केतु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए दो रंगों वाले कुत्ते को रोटी खिलाएं. वहीं ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक केतु की शांति के लिए कुत्ता पालना एक अच्छा उपाय है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में जब कभी भी केतु ग्रह दूषित होता है तो व्यक्ति कई प्रकार की बीमारियों से घिर जाता है. ऐसे में स्वस्थ रहने के लिए नए साल में भैरों नाथ ही उपासना करें. भैरों नाथ को प्रसन्न करने के लिए श्री भैरव चालीसा का पाठ करना भी अच्छा रहेगा.
अगर केतु ग्रह से मुक्ति चाहते हैं तो 2023 में पूरे वर्ष अपनी संतान के साथ अच्छा व्यवहार करें. इसके साथ ही बुधवार को विशेष रूप से गणेश जी की पूजा करें. आमचूर, नींबू, सप्तधान्य शस्त्र, काला तिल आदि का दान करने से भी केतु शांत होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)