Vastu Tips for Maa Lakshmi Statue: घर में देवी-देवताओं की पूजा के लिए अलग स्थान होता है. जहां लोग नियमित भगवान से सुखी जीवन के लिए प्रार्थना करते हैं. घर के पूजा स्थल या पूजा मंदिर (Puja Mandir) को विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्ति से सजाया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि मान्यता है कि घर में देवी-देवताओं की मूर्ति सुख-समृद्धि और मानसिक शांति प्रदान करती हैं. वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के जानकार बताते हैं कि अगर घर के मंदिर (Worship Temple) में मूर्तियों को उचित दिशा में रखा जाए तो उसका सकारात्मक लाभ मिलता है. वास्तु के मुताबिक घर के स्थल पर गलत दिशा में मूर्तियां लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है. साथ ही पूजा निष्फल मानी जाती है. प्रत्येक देवी-देवताओं की प्रतिमा को रखने के लिए एक निश्चित दशा निर्धारित की गई है. आइए वास्तु के मुताबिक जानते हैं कि घर में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति किस दिशा में रखना उचित है.
मां लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर के लिए सही दिशा
अधिकांश घरों में पूजा स्थल या पूजा मंदिर में मां लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर लगाई जाती है. इन्हें स्थापित करने के लिए सही दिशा का चयन करना अच्छा रहता है. मान्यतानुसार घर में मां लक्ष्मी की मूर्ति गणेश जी की प्रतिमा के दाईं ओर स्थापित करना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि देवी लक्ष्मी, गणेश जी की मां हैं. ऐसे में उनकी स्थापना दाईं ओर की जाती है.
भगवान गणेश जी की मूर्ति के लिए उचित दिशा
किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य की शरुआत से पहले विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा की जाती है. गणेश जी की मूर्ति सही दिशा में रखने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली का वास होता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार गणेश जी की मूर्ति सही दिशा में लगाने से गणेश की जी कृपा प्राप्त होती है. घर के पूजा मंदिर या पूजा स्थल पर गणेश जी की मूर्ति को उत्तर दिशा में लगाना चाहिए. साथ ही गणेश जी की सिंदूरी तस्वीर लगाना शुभ माना जाता है.
शिवलिंग की सही दिशा
अधिकांश लोग घर के पूजा स्थल पर एक छोटा सा शिवलिंग भी रखते हैं. साथ ही रोजाना उसकी पूजा करते हैं. वास्तु शास्त्र के मुताबिक शिवलिंग को सही दिशा में रखना भी बेहज जरूरी होता है. घर में रखे गए शिवलिंका मुख उत्तर का ओर होना चाहिए. शिवलिंग को इस दिशा में रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)