महिलाएं भी कर सकती हैं कांवड़ यात्रा!, बस इन खास बातों को रखना होगा ध्यान, नहीं तो यात्रा हो सकती है असफल...

महिलाएं यदि शारीरिक रूप से मानसिक रूप से परिपक्व और सक्षम हैं तो निसंदेह पूर्ण श्रद्धा एवं विश्वास के साथ कावड़ यात्रा निकाल सकती हैं और कावड़ यात्रा में भाग ले सकती हैं. 

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Kawad yatra 2025 : कावड़ यात्रा में पवित्रता और शुद्धता विशेष ख्याल रखना चाहिए.

Kawad yatra 2025 : हिंदू धर्म में कावड़ यात्रा का विशेष महत्व है. यह यात्रा भगवान शिव के प्रति भक्ति का प्रतीक मानी जाती है. इसमें शिव भक्त पवित्र नदियों- गंगा, यमुना या अन्य जलस्रोतों से कांवड़ में जल भरकर पैदल यात्रा करते हैं. फिर सावन की मासिक शिवरात्रि के दिन कांवड में एकत्रित जल से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है. यह एक प्राचीन परंपरा है जो शिव भक्तों द्वारा निरंतर चलती आ रही है. हालांकि पारंपरिक रूप से यह यात्रा पुरुषों द्वारा अधिक की जाती है. इसके पीछे सामाजिक, आध्यात्मिक, पारिवारिक, सुरक्षात्मक पहलू हैं. लेकिन अब महिलाएं भी इस यात्रा में हिस्सा लेती हैं. इस साल कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से शुरु होगी. ऐसे में आज हम कांवड़ यात्रा में महिलाओं के शामिल होने के क्या नियम हैं, इसके बारे में जानेंगे ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र से...

Rakshabandhan tithi 2025 : 8 या 9 अगस्त किस दिन मनाई जाएगी राखी, यहां जानिए सही मुहूर्त और तारीख

क्या महिलाएं भी जाती हैं कांवड़ यात्रा में

पंडित अरविंद मिश्र का कहना है कि कांवड़ यात्रा में युवा स्त्री पुरुष दोनों भाग ले सकते हैं. हालांकि पारंपरिक रूप से यह यात्रा पुरुषों द्वारा अधिक की जाती है. इसके पीछे सामाजिक, आध्यात्मिक, पारिवारिक, सुरक्षात्मक पहलू हैं. धार्मिक दृष्टि से कावड़ यात्रा महिलाओं के लिए वर्जित नहीं है. कावड़ यात्रा कावड़ उठाने वाले व्यक्ति की दृढ़ इच्छा शक्ति, मनोबल, शरीर बल और भगवान शिव के प्रति आगाध भक्ति का स्वरूप और प्रतीक है.  

Advertisement

यह कांवड़ यात्रा पूर्ण रूप से महिलाओं की शारीरिक सामर्थ्य और परिस्थितियों पर निर्भर करती है. डॉ. अरविंद कहते हैं कि किसी भी महिला को किसी की देखा देखी अथवा भावुकता वस कांवड़ यात्रा करने का निर्णय नहीं लेना चाहिए. हिंदू धर्म शास्त्रों एवं पुराणों में कहीं भी स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं है कि महिलाएं कावड़ यात्रा नहीं कर सकती हैं. 

Advertisement

कावड़ यात्रा के साथ पवित्रता-शुद्धता आदि विशेष रूप से जुड़े हुए हैं. इसका ध्यान सभी को रखना चाहिए. महिलाओं के लंबे समय तक कांवड़ यात्रा में शामिल न होने के पीछे उनकी सुरक्षा और अन्य सामाजिक कारण रहें हैं. यह यात्रा पूरी तरह से आस्था से जुड़ी हुई है और परिस्थितियों पर निर्भर करता है.  वर्तमान समय में कई महिलाएं कावड़ यात्रा करती हैं और उनके लिए विशेष व्यवस्थाएं भी की जाती हैं. 

Advertisement

महिलाओं को एक समूह में यात्रा करने की व्यवस्था बनाई जाती है. हमारे देश में किसी भी स्थान पर अथवा स्थानीय परंपरा में इसका विरोध होता है तो वह सामाजिक नियमों को लेकर हो सकता है न की धार्मिक प्रतिबंध के कारण. महिलाएं यदि शारीरिक रूप से मानसिक रूप से परिपक्व और सक्षम हैं तो निसंदेह पूर्ण श्रद्धा एवं विश्वास के साथ कावड़ यात्रा निकाल सकती हैं और कावड़ यात्रा में भाग ले सकती हैं. 

Advertisement

कब नहीं जाना चाहिए कांवड़ यात्रा में

अगर कोई महिला मासिक धर्म से है या  किसी तरीके का कोई रोग है या फिर यात्रा संबंधी उसका अनुभव नहीं है, तो ऐसी महिलाओं को कावड़ यात्रा करने से बचना चाहिए.  

महिलाएं कावड़ यात्रा में निर्विवाद रूप से भाग ले सकती हैं.बस ख्याल रहे कि आपकी कांवड़ किसी भी तरह अशुद्ध न होने पाए अन्यथा आपकी यात्रा निष्फल हो जाएगी.

लंबी यात्रा कर कावड़ को लाना एक बेहद साहसिक एवं जोखिमपूर्ण कार्य है. मार्ग में शौच, पानी, भोजन, सुरक्षा आदि की पर्याप्त व्यवस्था होने पर ही महिलाओं को कांवड़ यात्रा करनी चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Bihar Assembly Elections: INDIA Alliance के साथ विधानसभा चुनाव लड़ेंगे Asaduddin Owaisi?
Topics mentioned in this article