Janmashtami 2025 Chhappan Bhog: भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्री कृष्ण (Lord krishna) का जन्मोत्सव मनाने के लिए इन दिनों हर कोई अपने स्तर पर भव्य तैयारी करने में जुटा हुआ है. हर किसी की कामना होती है कि वो अपने लड्डू गोपाल के जन्माष्टमी पर्व को दिव्य तरीके से मनाए. जन्माष्टमी पर तमाम तरह की परंपराओं में उन्हें लगाया जाने वाला 56 भोग हर साल खबरों की खबर में बना रहता है.
आइए जानते हैं कि आखिर कान्हा (Kanha) को क्यों चढ़ाया जाता है 56 भोग? साथ ही जानते हैं उन भोग के बारे में जो कान्हा को बहुत ज्यादा प्रिय हैं. जिसे चढ़ाते ही वो प्रसन्न होकर अपने भक्तों को मनचाहा आशीर्वाद प्रदान करते हैं.
लड्डू गोपाल को क्यों लगाया जाता है छप्पन भोग
भगवान श्री कृष्ण को छप्पन प्रकार के भोग लगाए जाने के पीछे दो तरह की मान्यता है. पहली लोकमान्यता के अनुसार द्वापरयुग में माता यशोदा (Yashoda) अपने कन्हैया (Kanhaiya)को सप्ताह के सातों दिन में आठ प्रहर में अलग-अलग प्रकार के पकवान बनाकर खिलाया करती थीं. इस प्रकार सात को आठ से गुणा करने पर 56 प्रकार के भोग बनते हैं. इस 56 भोग को गोवर्धन पूजा की कथा से भी जोड़कर देखा जाता है.
मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र (Indra Devta) का अभिमान दूर करने के लिए सात दिनों तक गोवर्धन (Govardhan) पर्वत को अपनी कनिष्ठिका अंगुली पर उठाए रखा था और इस दौरान कुछ भी भोजन नहीं ग्रहण किया था. जिसके बाद उन्हें सात दिनों के आठ प्रहर के हिसाब से 56 प्रकार के भोग खिलाए गये थे.
क्या होता है छप्पन भोग
कान्हा को लगाए जाने वाले 56 भोग में तमाम तरह की मिठाईयां, फल, पेय पदार्थ, पकाई हुई सब्जियां, कढ़ी, पकौड़े, पापड़, अचार, चटनी, पान, सुपाड़ी, आदि हाते हैं. मान्यता है कि 56 प्रकार के भोग को चढ़ाने से श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं.
अगर न लगा पाएं 56 भोग तो क्या करें
हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण जिन्हें माखनचोर भी कहा जाता है, उन्हें मक्खन बहुत ज्यादा प्रिय है. ऐसे में यदि आप जन्माष्टमी के दिन किसी कारणवश उन्हें 56 प्रकार के भोग न लगा सकें तो उन्हें गाय के दूध से बना मक्खन विशेष रूप से अर्पित करें. लोकमान्यता है कि जन्माष्टमी के दिन कान्हा को मक्खन का भोग लगाने पर वे शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं और अपने भक्त को सौभाग्य के साथ आरोग्य का भी वरदान देते हैं.
तब लगाएं इस चीज का भोग
जन्माष्टमी की पूजा करते समय आपके पास यदि गाय के दूध से बना मक्खन न उपलब्ध हो तो आप उन्हें मिश्री का भोग लगाकर भी प्रसन्न कर सकते हैं. हिंदू मान्यता है कि कान्हा को मिश्री का भोग लगाने से जीवन में मिठास बनी रहती है और श्रीकृष्ण की कृपा से साधक को सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इसके अलावा आप अपनी आस्था और सामर्थ्य के अनुसार कुछ भी चढ़ा सकते हैं. ध्यान रहे भगवान भाव के भूखे हैं, इसलिए भक्तिपूर्वक चढ़ाया गया आपका सभी प्रसाद ग्रहण करते हुए वे आप पर अपनी कृपा जरूर बरसाएंगे.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)