कल इतने बजे भगवान जगन्नाथ निकल जाएंगे रथ पर भक्तों को दर्शन देने, जानिए यहां पूरा शेड्यूल

ऐसी मान्यता है इस रथ यात्रा में शामिल होने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. अगर आप भी इस यात्रा में शामिल होने जा रहे हैं, तो यात्रा निकलने की सही टाइमिंग एक बार जान लीजिए....

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पुरी का जगन्नाथ मंदिर चार धामों में से एक हिंदू तीर्थ स्थल है.

Jagganath rath yatra 2025 : उड़ीसा के पुरी शहर में कल दुनिया की सबसे बड़ी धार्मिक जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाएगी. जिसमें शामिल होने के लिए देश-विदेश से लोग पहुंच रहे हैं. इस दौरान भगवान जगन्नाथ अपने भाई बहन बालभद्र और सुभद्रा के साथ रथ पर विराजते हैं और भक्तों को दर्शन देते हैं. ऐसी मान्यता है इस रथ यात्रा में शामिल होने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. ऐसे में अगर आप भी इस यात्रा में शामिल होने जा रहे हैं, तो यात्रा निकलने की सही टाइमिंग एक बार जान लीजिए....

मुगल काल में हुआ था कुछ ऐसा कि...यहां नाव से निकलने लगी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा!

जगन्नाथ रथ यात्रा का शेड्यूल क्या है

कल सबसे पहले सुबह 6 बजे मंगल आरती की जाएगी. इसके बाद सुबह 9 बजकर 30 मिनट पर 'पहाड़ी' रस्म निभाई जाएगी. फिर 'छेरा पहरा' की रस्म दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर 30 मिनट तक की जाएगी. इसके बाद शाम 4 बजे रथ यात्रा गुंडीचा मंदिर के लिए निकल जाएगी. 

1 जुलाई के दिन जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान हेरा पंचमी की रस्म निभाई जाएगी.
 4 जुलाई के दिन मुख्य मंदिर में वापसी की यात्रा है, जिसे कई लोग बहु़ड़ा कहते हैं.
 5 जुलाई के दिन जगन्नाथ की मुख्य मंदिर में वापसी होगी. वापसी भव्य स्वागत द्वारा किया जाता है.

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छेरा रस्म क्या होती है

इस रस्म में पुरी के गजपति राजा, जो भगवान के पहले सेवक माने जाते हैं सोने की झाड़ू से रथों के आगे झाड़ू लगाते हैं और चंदन से मिश्रित जल रास्ते में छिड़कते हैं. इसके बाद रथ को भक्त खींचना शुरू करते हैं. यह रस्म इस बात का प्रतीक होती है कि भगवान की नजर में हर कोई एक समान है. चाहे राजा हो या आम जनता ईश्वर सबको एक नजर से देखता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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