यहां हैं देश में गणपति के 8 प्राचीन मंदिर, कहीं मिटते हैं रोग तो कहीं बुराईयों को होता है विनाश

पुणे में बप्पा को सेहत, इच्छा पूरी और शांति बनाए रखने वाले भगवान के रूप में पूजा जाता है. देशभर में गणेश जी के 8 बड़े प्रसिद्ध मंदिर हैं,आइए जानते हैं इनके नाम .

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
पुणे में विराजमान गणेश जी सेहत, इच्छापूर्ति और शांति के देवता माने जाते हैं.

8 Ganesh Mandir In India : देशभर में गणपति जी के कई रूप हैं और उनकी अलग-अलग विधि से पूजा की जाती है. मुंबई में बप्पा को सिद्धिविनायक और चित्तुर में भगवान गजानन के नाम से पूजा जाता है. वहीं, राजस्थान में गणेश जी पत्नि रिद्धि-सिद्धि और दो पुत्र शुभ और लाभ के साथ पूजे जाते हैं. पुणे में बप्पा को सेहत, इच्छा पूरी और शांति बनाए रखने वाले भगवान के रूप में पूजा जाता है. देशभर में गणेश जी के 8 बड़े प्रसिद्ध मंदिर हैं,आइए जानते हैं इनके नाम .

भगवान गणेश की पूजा में आखिर क्यों नहीं चढ़ाई जाती तुलसी?, जानें इसके पीछे का सच

श्री सिद्धिविनायक (मुंबई)

मुंबई में गणेश चतुर्थी के दिनों में लालबाग्चा में बप्पा विराजमान होते हैं. वहीं, यहां बप्पा का सिद्धिविनायक मंदिर पहले से ही है. यहां दाई तरफ सूंड वाले गणेश भगवान हैं, जिन्हें सिद्धिविनायक कहा जाता है. मान्यता है कि सिद्धिविनायक मंदिर 16वीं सदी का है. मान्यता है कि दाई तरफ सूंड वाले बप्पा को सिद्धिविनायक कहा जाता है.

श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर (पुणे)

पुणे में विराजमान गणेश जी सेहत, इच्छापूर्ति और शांति के देवता माने जाते हैं. मान्यता है कि भारत की आजादी की लड़ाई के दौरान यहां लोग पूजा करने आते थे. गौरतलब है कि पुत्र की प्लेग से मृत्यु होने के बाद अपने आध्यात्मिक गुरू की सलाह पर दगडूशेठ हलवाई ने यह मंदिर बनवाया था. इसका उद्देश्य शहर को शांतिपूर्ण और आरोग्य बनाना था. 1890 में स्थापित हुआ ये मंदिर सबसे अमीर मंदिरों में से एक है.

कनिपक्कम विनायक मंदिर (चित्तुर)

बप्पा का यह मंदिर लोगों में बुराई खत्म करने और विवाद का निपटारा करने के लिए प्रसिद्ध है. 11वीं शताब्दी में स्थापित इस मंदिर का निर्माण चोल राज कुलोत्तुंग चोल प्रथम ने कराया था. कहा जाता है कि यहां के पानी में डुबकी लगाने से सारी बुराईयों को दूर किया जाता है.

मनाकुला विनायगर मंदिर (पुड्डचेरी)

ऐसी मान्यता है कि गणेश जी के 16 रूप हैं और इस मंदिर में गणपति के वो 16 अवतार देखने को मिलते हैं. 15वीं शताब्दी में स्थापित हुए इस मंदिर को फ्रांसीसी शासन ने भी तोड़ने का भरसक प्रयास किया था. इस मंदिर का नाम दो तमिल शब्दों से मिलकर बना है. एक मनाल (रेत) और दूसरा कुलम (तालाब) से बना है.

मोती डुंगरी मंदिर (जयपुर)

इस मंदिर में बाईं तरफ सूंड वाले गणपति विराजमान हैं. यहां उन्हें सिंदूर का चोला चढ़ाया जाता है. जयपुर की एक छोटी सी पहाड़ी पर स्थापित यह मंदिर एक महल से घिरा हुआ है. सेठ जयराम पालीवाल ने साल 1761 में इसे बनवाया था. इसमें विराजित गणपति की मूर्ति 500 साल पुरानी बताई जाती है.

रणथंबौर गणेश मंदिर ( राजस्थान)

Advertisement

इस मंदिर में गणपति जी त्रिनेत्र रूप में मौजूद हैं. यहां देशभर से हजारों श्रद्धालु रोजाना आते हैं. साथ ही शादी का कार्ड भी चढ़ाते हैं. राणा हमीर देव और अलाउद्दीन खिलजी के बीच हो रहे युद्ध को रुकवाने के लिए 1299 में इस मंदिर की नींव रखी गई थी. यहां, गणेश जी अपनी दोनों पत्नी और दोनों बच्चों के साथ विराजमान हैं.

करपगा विनायगर मंदिर (तमिलनाडू)

साउथ इंडिया के व्यापारी संगठन चेलियार कम्यूनिटी का यह प्राचीन मंदिर है. यहां, बप्पा के काले पत्थर की मूर्ति सोने से जड़ी हुई है. 7वीं सदी में इस मंदिर का निर्माण हुआ था. शिवगंगा जिले के पिल्लयारपट्टी में इसका निर्माण पांड्य राजाओं ने कराया था. यह एक गुफानूमा मंदिर हैं, जिसमें बप्पा की मूर्ति बनी हुई है.

मधुरमहामित गणपति कासरगोड ( केरल)

Advertisement

दक्षिण राज्य केरल में गणपति जी के स्थापित इस मंदिर के तालाब के पानी से स्किन और गंभीर बीमारी ठीक होती हैं. 10वीं शताब्दी में इसका निर्माण माय पदी राजा ने करवाया था. यह मंदिर मधुवाहिनी के तट पर स्थित है. कहा जाता है कि मंदिर में मुख्य प्रतिमा महादेव (भगवान शिव) की है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Top Headlines: Mumbai Weather Today | Weather Update | Delhi Yamuna Alert | Akhilesh Yadav | NDTV
Topics mentioned in this article