मंगलवार को करें हनुमान तांडव स्तोत्र का पाठ, बजरंगबली की बरसेगी आप पर कृपा, यहां जानिए इसकी विधि और लाभ

माना जाता है कि इनकी आराधना करने से बिगड़े काम बन जाते हैं और बजरंगबली आपकी सारी दुख और परेशानियों का निवारण करते हैं.

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Hanuman Stotram Benefits : हनुमान स्त्रोत का पाठ करने से आध्यात्मिक विकास होता है. 

Hanuman Tandav Stotram : मंगलवार का दिन हनुमान जी का होता है. इस दिन सच्चे मन से संकट मोचन की पूजा अर्चना करने और उपवास रखने से हनुमान जी आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. माना जाता है कि इनकी आराधना करने से बिगड़े काम बन जाते हैं और बजरंगबली आपकी सारी दुख और परेशानियों का निवारण करते हैं. इस दिन अगर आप हनुमान तांडव स्तोत्र का पाठ करते हैं, तो यह आपके लिए बहुत फलदायी होगा.ऐसे में आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य डॉ अरविन्द मिश्र से हनुमान स्त्रोत पाठ की विधि और लाभ.

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हनुमान तांडव स्तोत्र - Hanuman Tandav Stotram 

वन्दे सिन्दूरवर्णाभं लोहिताम्बरभूषितम्।रक्ताङ्गरागशोभाढ्यं शोणापुच्छं कपीश्वरम्॥
सुशङ्कितं सुकण्ठभुक्तवान् हि यो हितं। वचस्त्वमाशु धैर्य्यमाश्रयात्र वो भयं कदापि न॥

भजे समीरनन्दनं, सुभक्तचित्तरञ्जनं, दिनेशरूपभक्षकं, समस्तभक्तरक्षकम्।
सुकण्ठकार्यसाधकं, विपक्षपक्षबाधकं, समुद्रपारगामिनं, नमामि सिद्धकामिनम्॥१॥

सुशङ्कितं सुकण्ठभुक्तवान् हि यो हितं वचस्त्वमाशु धैर्य्यमाश्रयात्र वो भयं कदापि न।
इति प्लवङ्गनाथभाषितं निशम्य वानराऽधिनाथ आप शं तदा, स रामदूत आश्रयः ॥ २॥

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सुदीर्घबाहुलोचनेन, पुच्छगुच्छशोभिना, भुजद्वयेन सोदरीं निजांसयुग्ममास्थितौ।
कृतौ हि कोसलाधिपौ, कपीशराजसन्निधौ, विदहजेशलक्ष्मणौ, स मे शिवं करोत्वरम्॥३॥

सुशब्दशास्त्रपारगं, विलोक्य रामचन्द्रमाः, कपीश नाथसेवकं, समस्तनीतिमार्गगम्।
प्रशस्य लक्ष्मणं प्रति, प्रलम्बबाहुभूषितः कपीन्द्रसख्यमाकरोत्, स्वकार्यसाधकः प्रभुः॥४॥

प्रचण्डवेगधारिणं, नगेन्द्रगर्वहारिणं, फणीशमातृगर्वहृद्दृशास्यवासनाशकृत्।
विभीषणेन सख्यकृद्विदेह जातितापहृत्, सुकण्ठकार्यसाधकं, नमामि यातुधतकम्॥५॥

नमामि पुष्पमौलिनं, सुवर्णवर्णधारिणं गदायुधेन भूषितं, किरीटकुण्डलान्वितम्।
सुपुच्छगुच्छतुच्छलंकदाहकं सुनायकं विपक्षपक्षराक्षसेन्द्र-सर्ववंशनाशकम्॥६॥

रघूत्तमस्य सेवकं नमामि लक्ष्मणप्रियं दिनेशवंशभूषणस्य मुद्रीकाप्रदर्शकम्।
विदेहजातिशोकतापहारिणम् प्रहारिणम् सुसूक्ष्मरूपधारिणं नमामि दीर्घरूपिणम्॥७॥

नभस्वदात्मजेन भास्वता त्वया कृता महासहा यता यया द्वयोर्हितं ह्यभूत्स्वकृत्यतः।
सुकण्ठ आप तारकां रघूत्तमो विदेहजां निपात्य वालिनं प्रभुस्ततो दशाननं खलम्॥८॥

इमं स्तवं कुजेऽह्नि यः पठेत्सुचेतसा नरः कपीशनाथसेवको भुनक्तिसर्वसम्पदः।
प्लवङ्गराजसत्कृपाकताक्षभाजनस्सदा न शत्रुतो भयं भवेत्कदापि तस्य नुस्त्विह॥९॥

नेत्राङ्गनन्दधरणीवत्सरेऽनङ्गवासरे। लोकेश्वराख्यभट्टेन हनुमत्ताण्डवं कृतम् ॥ १०॥

ॐ इति श्री हनुमत्ताण्डव स्तोत्रम्॥

हनुमान स्त्रोत पाठ विधि और लाभ - Hanuman Stotram Vidhi and benefits

हनुमान स्त्रोत पाठ विधि

  • आप मंगलवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएं. 
  • इसके बाद नित्य क्रिया के बाद स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. 
  • अब आप एक स्वच्छ और शांत स्थान पर बैठ जाएं.
  • इसके बाद आप हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने बैठ जाइए. 
  • हनुमान जी को पुष्प, धूप, और दीप अर्पित करिए
  • अब आप हनुमान स्त्रोत का पाठ करें.
  • पाठ के अंत में हनुमान जी की आरती करें. 
हनुमान स्त्रोत लाभ
  • भय और शोक का नाश होता है.
  • संकटों का समाधान होता है.
  • शक्ति और साहस की प्राप्ति होती है.
  • मन और आत्मा को शांति मिलती है.
  • हनुमान स्त्रोत का पाठ करने से आध्यात्मिक विकास होता है. 

शनि की साढेसाती वाले भी करें हनुमान स्त्रोत का पाठ

ज्योतिषाचार्य डॉ अरविन्द मिश्र आगे कहते हैं कि 29 मार्च से मेष, कुम्भ, मीन राशि वालों की साढ़े साती चल रही है. सिंह राशि वालों की अष्टम स्थान की ढैया प्रारंभ हो गई और धनु राशि की चतुर्थ स्थान की. ऐसे में हनुमान स्त्रोत पढ़ने से अनेक प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलेगी. साथ ही जिनकी शनि, राहु, केतु की महादशा और अंतर्दशा चल रही हो वे लोग भी श्री हनुमान जी की आराधना करें. उनके कष्ट दूर होंगे, अग्नि, दुर्घटनाओं आदि से रक्षा होगी.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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