हर शनिवार को ऐसे करेंगे महाबली बजरंगबली की पूजा, तो हो जाएगी हर मनोकामना

Bajrangbali Puja: हिंदू धर्म में राम भक्त हनुमान जी की पूजा का बहुत महत्व है. मान्यता है कि शनिवार को हनुमान जी की पूजा से सभी कष्ट मिट जाते हैं और जीवन में सुख शांति बढ़ता है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Hanuman Puja On Saturday: बजरंगबली की शनिवार के दिन इस तरह की जा सकती है पूजा.

Hanuman Puja: हिंदू धर्म में राम भक्त हनुमान जी की पूजा का बहुत महत्व है. मंगलवार और शनिवार के दिन महाबली हनुमान को समर्पित हैं. शनिवार को हनुमान जी के साथ-साथ शनि देव की भी पूजा होती है. मान्यता है कि शनिवार को हनुमान जी की पूजा (Hanuman Puja) से सभी कष्ट मिट जाते हैं और जीवन में सुख शांति बढ़ती है. आइए जानते हैं शनिवार के दिन बजरंगबली की पूजा कैसे करनी चाहिए. 

Vijaya Ekadashi 2024: इस साल 6 या 7 मार्च, कब रखा जाएगा विजया एकादशी का व्रत, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि 

हनुमानाष्टक का पाठ

शनिवार (Saturday) के दिन सुबह या शाम के समय स्नान के बाद हनुमान जी के मंदिर में जाकर सबसे पहले उन्हें लाल चोला अर्पित करें. इसके बाद हनुमान जी को लड्‌डू का भोग लगाएं. विधि-विधान से हनुमान जी की पूजा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और उन पर प्रभु श्री राम की कृपा बरसती है. हनुमान जी की पूजा के बाद हनुमानाष्टक (Hanumanashtak का पाठ जरूर करें. 

Maha Shivratri 2024: शिवरात्रि के दिन महादेव की पूजा में काम आएगी ये सामग्री, जानिए भोग में क्या रखना होता है शुभ 

हनुमानाष्टक

बाल समय रवि भक्षी लियो तब,

तीनहुं लोक भयो अंधियारों।

ताहि सों त्रास भयो जग को,

यह संकट काहु सों जात न टारो।

देवन आनि करी बिनती तब,

छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो।

को नहीं जानत है जग में कपि,

संकटमोचन नाम तिहारो ॥॥

बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि,

जात महाप्रभु पंथ निहारो।

चौंकि महामुनि साप दियो तब,

चाहिए कौन बिचार बिचारो।

कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु,

सो तुम दास के सोक निवारो ॥॥

अंगद के संग लेन गए सिय,

खोज कपीस यह बैन उचारो।

जीवत ना बचिहौ हम सो जु,

बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो।

हेरी थके तट सिन्धु सबे तब,

लाए सिया-सुधि प्राण उबारो ॥ ॥

रावण त्रास दई सिय को सब,

राक्षसी सों कही सोक निवारो।

ताहि समय हनुमान महाप्रभु,

जाए महा रजनीचर मरो।

चाहत सीय असोक सों आगि सु,

 प्रभुमुद्रिका सोक निवारो ॥॥

बान लाग्यो उर लछिमन के तब,

प्राण तजे सूत रावन मारो।

लै गृह बैद्य सुषेन समेत,

तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो।

आनि सजीवन हाथ दिए तब,

लछिमन के तुम प्रान उबारो ॥॥

रावन जुध अजान कियो तब,

नाग कि फाँस सबै सिर डारो।

श्रीरघुनाथ समेत सबै दल,

मोह भयो यह संकट भारो ।

आनि खगेस तबै हनुमान जु,

बंधन काटि सुत्रास निवारो ॥ ॥

बंधू समेत जबै अहिरावन,

लै रघुनाथ पताल सिधारो।

देबिन्हीं पूजि भलि विधि सों बलि,

देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो।

जाये सहाए भयो तब ही,

अहिरावन सैन्य समेत संहारो ॥॥

काज किये बड़ देवन के तुम,

बीर महाप्रभु देखि बिचारो।

कौन सो संकट मोर गरीब को,

जो तुमसे नहिं जात है टारो।

बेगि हरो हनुमान महाप्रभु,

जो कछु संकट होए हमारो ॥॥

दोहा

लाल देह लाली लसे,

अरु धरि लाल लंगूर।

वज्र देह दानव दलन,

जय जय जय कपि सूर ॥

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
सावरकर के सवाल पर क्या उद्धव के रुख से Congress की बढ़ गई मुश्किलें, महाराष्ट्र में टूट सकती है MVA?
Topics mentioned in this article