Hanuman Jayanti 2023: देश भर में आज श्रीराम भक्त और भक्तों के संकटमोचक (Sankat Mochak) कहे जाने वाले बजरंगबली यानी हनुमान जी (Hanuman Ji) की जयंती मनाई जा रही है. हनुमान जयंती पर मंदिरों में भीड़ है और जगह जगह सुंदरकांड (Sunderkand) के पाठ और पूजा हो रही है. मान्यता है कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष के शुभ दिन मां अंजनी के गर्भ से हनुमान जी ने जन्म लिया था. इस दिन बजरंग बली की विधिवित पूजा (Worship) करने से भक्तों के संकट कट जाते हैं और सब पीड़ाएं मिट जाती हैं. इस दिन शुभ मुहूर्त में बजरंग बली की पूजा करने से और कुछ खास उपाय करने से संकटमोचक हनुमान प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. बजंरग बली की महिमा इतनी अपरंपार है कि कहा जाता है कि वो आज भी धरती पर मौजूद हैं और जहां कहीं राम कथा होती है, वहां जाकर उस कथा को जरूर सुनते हैं.
हनुमान जयंती के दिन सुबह से लेकर शाम तक बजरंग बली की पूजा के लिए कई शुभ मुहूर्त हैं. हनुमान जी की पूजा का पहला मुहूर्त शुभ मुहुर्त कहला रहा है जो सुबह छह बजे से लेकर सात बजकर चालीस मिनट तक रहेगा. इसके बाद कुछ समय मुहूर्त नहीं है. 10 बजकर 49 मिनट पर चर का मुहुर्त लग जाएगा. इस मुहुर्त की अवधि 12.24 मिनट तक रहेगी और भक्त हनुमान जी की पूजा कर सकते हैं. इसके बाद दोपहर 12 बजे से अभिजीत मुहुर्त लग रहा है और इस मुहुर्त में भी बजरंग बली की पूजा की जाती है. दोपहर 12 बजकर 24 मिनट से पूजा का लाभ मुहूर्त बन रहा है जो दोपहर को करीब 2 बजे तक रहेगा. सांयकाल में पांच बजकर सात मिनट से 6 बजकर 41 मिनट तक बजरंग बली की सांयकालीन पूजा का योग बन रहा है. इसके पश्चात रात को 6 बजकर 42 मिनट से 8 बजकर 7 मिनट तक रात्रि की पूजा के योग बन रहे हैं. देखा जाए तो सभी मुहूर्त में बजरंग बली की पूजा के योग बन रहे हैं भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार अपने देव की पूजा कर सकते हैं.
बजरंग बली की ये महिमा और खास बात है कि वो अपने भक्तों पर बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं, बस उनकी पूजा सच्चे मन से होनी चाहिए. सुबह के समय नहा धोकर बजरंग बली की पूजा का संकल्प लें और मंदिर के आगे चौकी बिछाकर पहले श्रीराम और उसके बगल में हनुमान जी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें. श्रीराम को पीले फूल अर्पित करें और हनुमान जी को लाल फूल अर्पित करें. अब चंदन का तिलक, रोली और अक्षत से पूजा करें. इसके पश्चात लड्डुओं का भोग लगाएं और तुलसी दल अर्पित करें. इसके पश्चात पहले श्रीराम भगवान की आरती करें और उसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें और फिर हनुमान जी की आरती करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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