Guru Pradosh Vrat: हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है जो भगवान शिव (Lord Shiva) और मां गौरी को समर्पित होता है, लेकिन सावन के महीने में पड़ने वाले प्रदोष व्रत का और खास महत्व होता है. इस बार सावन के महीने का पहला प्रदोष व्रत 1 अगस्त यानी आज रखा जा रहा है. गुरुवार के दिन पड़ने के चलते इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जा रहा है. इस दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती की विधि-विधान से पूजा करने के साथ ही अगर मान्यतानुसार शिवलिंग (Shivling) पर कुछ विशेष चीजें अर्पित करें तो इससे भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.
गुरु प्रदोष पर भगवान शिव को अर्पित करें ये चीज
गुरु प्रदोष के दिन सबसे पहले सुबह स्नान करके महादेव की पूजा अर्चना करनी चाहिए, इसके बाद शिवलिंग पर घी, शहद, दूध, दही और गंगाजल अर्पित करके उनका रुद्राभिषेक करना चाहिए. इसके अलावा शिवजी को घी, शक्कर और गेहूं के आटे से बनी चीजों का आप भोग (Bhog) लगा सकते हैं. ऐसा करने से भक्तों को आरोग्य रहने का आशीर्वाद मिलता है.
अगर आपके घर में खुशियों का वास नहीं होता है और घर में दरिद्रता बनी हुई है तो प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने के साथ ही शिवलिंग पर शक्कर अर्पित करें. इससे साधकों को शिवजी का आशीर्वाद मिलता है और घर से दरिद्रता दूर होती है.
प्रदोष व्रत की पूजा करने के दौरान शिवलिंग पर अगर रुद्राभिषेक करने के साथ ही सुपारी अर्पित की जाए तो इससे भक्तों के जीवन में और घर में आ रही सभी समस्याएं दूर होती हैं.
गुरु प्रदोष व्रत के दिन अगर आप शिवलिंग पर जल अर्पित कर रहे हैं तो आपका चेहरा उत्तर पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए. इस दिशा को पूजा के लिए सबसे उत्तम माना जाता है, इस दौरान आप पंचारक्षर मंत्र का जाप जल अर्पित करते समय करें. इस बात का ध्यान रखें कि जल अर्पित करते समय शिवलिंग पर धारा टूटनी नहीं चाहिए. आप तांबे, चांदी या कांसे के पात्र में भगवान शिव को जल अर्पित कर सकते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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