Gupt daan significance : हिंदू धर्म ग्रंथ में कौन से दान करने चाहिए गुप्त तरीके से, जानिए पंडित जी से

गीता, मनुस्मृति और पुराणों में कहा गया है की गुप्त दान से पाप नष्ट होते हैं और सैकड़ो गुना पुण्य प्राप्त होता है. गुप्त दान ईश्वर को समर्पित होता है न कि समाज को दिखाने के लिए.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
अग्नि पुराण में भी गुप्त दान करने का निर्देश दिया गया, गुप्त दान को महादान कहा गया है.

Guptdan importance according dharm shastra : हिंदू धर्म में दान-पुण्य को अधिक महत्व दिया जाता है. बिना इसके कोई भी पूजा पाठ और व्रत पूर्ण नहीं माना जाता है. लेकिन सबसे ज्यादा फलदायी दान गुप्त दान होता है. शास्त्रों के अनुसार अगर आप किसी की मदद करते हैं वो भी छिपे तौर पर तो उसका लाभ आपको ज्यादा मिलता है और जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है. इसके अलावा गुप्त दान शास्त्रों के अनुसार क्या महत्व रखता है इसके बारे में बता रहे हैं ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र तो बिना देर किए आइए जानते हैं आगे आर्टिकल में...

भगवान विष्णु को क्यों प्रिय है तुलसी, क्यों बिना तुलसी के श्री हरि की पूजा मानी जाती है अधूरी, बता रही हैं एस्ट्रोलॉजर अलकनंदा शर्मा

गुप्त दान का महत्व - Importance of secret donation

पंडित अरविंद मिश्र बताते हैं कि हिंदू धर्म ग्रंथों में गुप्त दान का विशेष रूप से उल्लेख मिलता है. धर्म ग्रंथों में गुप्तदान (छिपाकर किया गया दान)  को श्रेष्ठ एवं पुण्य फलदायी माना गया है. इसे "गुप्तदानं महादानं" कहा गया है. भागवत पुराण, अग्नि पुराण, महाभारत,मनु स्मृति में गुप्त रूप से किए गए दान को महान पुण्य फल देने वाला बताया गया है . 
भागवत पुराण (स्कंद 10 ) में दान के बारे में विस्तार से बताया गया है, जो दान गुप्त रूप से बिना अहंकार के और बिना दिखावे के किया जाता है वह दान भगवान को सर्वाधिक प्रिय होता है. 

Advertisement

अग्नि पुराण में भी गुप्त दान करने का निर्देश दिया गया. गुप्त दान को महादान कहा गया है. इसलिए किसी को दान देकर बताना नहीं चाहिए.

Advertisement

वहीं, महाभारत के अनुशासन पर्व में भी उल्लेख मिलता है. इसमें युधिष्ठिर को पितामह भीष्म बताते हैं की गुप्तदान से पुण्य अक्षय प्राप्त होता है और आत्मा की शुद्धि होती है.

Advertisement

मनुस्मृति में भी गुप्त दान करना ही श्रेष्ठ बताया गया है. उसमें उल्लेख है, जो अन्न अथवा दान गुप्त रूप से किया जाता है, वह महाफल देने वाला होता है. 

Advertisement

अन्य धार्मिक ग्रंथो एवं शास्त्रों में भी दान की महिमा को प्रमुख रूप से महत्व दिया गया है. हिंदू धर्म में दान को बेहद श्रेष्ठ बताया गया है. 

इन ग्रंथो में स्पष्ट कहा गया है कि दिखावे के बिना, ईश्वर को ध्यान में रखकर किया गया दान गुप्त दान आत्मिक कल्याण और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है.

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार गुप्त रूप से किए जाने योग्य प्रमुख दान इस प्रकार से हैं-

गौदान - गौ की रक्षा हेतु, उसके आरक्षण संरक्षण हेतु, जो दान किया जाता है उसे गोदान बोला जाता है.

जलदान - प्यासों को जल पिलाना, प्याऊ लगवाना, कुएं, बावड़ी खुदवाना आदि. '

विद्यादान - शिक्षा देना, स्कूल कॉलेज खुलवाना, पुस्तक, कॉपी ,पढ़ाई की सामग्री आदि दान देना.

धनदान - निर्धनों को आर्थिक सहायता देना.

औषधि दान - रोगियों को दवा उपलब्ध कराना, अस्पताल खुलवाना आदि .

वस्त्र दान - जरूरतमंदों को वस्त्र देना.

अन्नदान - भूखों को भोजन कराना .

गीता, मनुस्मृति और पुराणों में कहा गया है की गुप्त दान से पाप नष्ट होते हैं और सैकड़ो गुना पुण्य प्राप्त होता है. गुप्त दान ईश्वर को समर्पित होता है न कि समाज को दिखाने के लिए.

Featured Video Of The Day
Jaipur News: मदर इंडिया वाला सूदखोर ‘लाला सुखीलाल’ जिंदा है! | Khabron Ki Khabar
Topics mentioned in this article