Falgun Amavasya 2022: फाल्गुन अमावस्या को क्यों माना जाता है इतना महत्वपूर्ण, जानिए पूजा के नियम

फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को फाल्गुन अमावस्या कहते है. इस बार फाल्गुन अमावस्या 02 मार्च दिन बुधवार को है. मान्यता है कि जीवन में सुख और शांति के लिए फाल्गुन अमावस्या का व्रत रखा जाता है. फाल्गुन अमावस्या के मौके पर देशभर में कई जगहों पर फाल्गुन मेला (Falgun Mela) भी लगता है.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
Falgun Amavasya 2022: फाल्गुन अमावस्या पर इस तरह करें सूर्य देव की उपासना
नई दिल्ली:

हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है. फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को फाल्गुन अमावस्या कहते है. इस बार फाल्गुन अमावस्या 02 मार्च दिन बुधवार यानी आज है. फाल्गुन अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है. अमावस्या के दिन भगवान शिव और भगवान श्री कृष्ण की पूजा का विधान है.

Falgun Amavasya 2022: शिव और सिद्ध योग में फाल्गुन अमावस्या, जानिए तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त

ऐसा कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से सारे पाप मिट जाते हैं. मान्यता है कि जीवन में सुख और शांति के लिए फाल्गुन अमावस्या का व्रत रखा जाता है. फाल्गुन अमावस्या के मौके पर देशभर में कई जगहों पर फाल्गुन मेला (Falgun Mela) भी लगता है.

Phulera Dooj 2022 Date: फुलेरा दूज पर खेली जाती है फूलों की होली, जानिए मांगलिक कार्य का अबूझ मुहूर्त

कहते हैं कि अमावस्या के दिन वंशज, सगे-संबंधी या कोई परिचित के लिए श्राद्ध, दान और तर्पण करके उन्हें आत्मशांति दिलाई जा सकती है. पितरों की शांति के लिए किए जाने वाले दान, तर्पण, श्राद्ध आदि के लिए यह दिन बहुत ही भाग्यशाली माना जाता है.

फाल्गुन अमावस्या का महत्व

मान्यता है कि फाल्गुन मास की अमावस्या के दिन व्रत, पूजन और तर्पण करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. माना जाता है कि मृत्यु के बाद आत्माएं पितृ लोक पहुंचती हैं. यह आत्माओं का अस्थायी निवास होता है. कहते हैं कि जब तक उनके भाग्य का अंतिम फैसला ना हो जाए, उन्हें वहीं ठहरना पड़ता है. माना जाता है कि इस दौरान उन्हें बेहद पीड़ा से गुजरना पड़ता है, क्योंकि वे स्वयं कुछ भी ग्रहण करने में समर्थ नहीं होते.

मान्यता है कि फाल्गुन अमावस्या के दिन पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करने के साथ-साथ दान आदि करने से उनका आशीर्वाद सदैव बना रहता है और परिवार में खुशहाली बनी रहती है. कहते हैं कि अमावस्या के दिन वंशज, सगे-संबंधी या कोई परिचित के लिए श्राद्ध, दान और तर्पण करके उन्हें आत्मशांति दिलाई जा सकती है.

Advertisement

पितरों की शांति के लिए किए जाने वाले दान, तर्पण, श्राद्ध आदि के लिए यह दिन बहुत ही भाग्यशाली माना जाता है. कहते हैं कि फाल्गुन अमावस्या कालसर्प दोष निवारण के लिए भी बेहद उत्तम है. मान्यता है कि फाल्गुन अमावस्या के दिन कालसर्प का निवारण करवाने के बाद चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा बहते जल में प्रवाहित करना चाहिए.

फाल्गुन अमावस्या पर सूर्य देव की उपासना

कहते हैं कि कुंडली में लग्न और आरोग्यता का कारक सूर्य को मानते हैं. फाल्गुन मास की अमावस्या के दिन सूर्य देव की विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि ऐसा करने से बीमारियों से मुक्ति मिलती है और सूर्य देव की कृपा बनी रहती है. संभव हो तो फाल्गुन अमावस्या के दिन रविवार का व्रत रखें.

Advertisement

इस दिन सुबह स्नान के बाद सूर्य देव की पूजा के समय सूर्य चालीसा का पाठ करना शुभ माना जाता है. इस दिन भगवान सूर्य के 12 नामों का जाप सुबह के समय घी का दीपक जलाकर करें. ध्यान रखें कि इस दिन भूलकर भी नमक का सेवन न करें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
PM Modi को मिला Kuwait का सर्वोच्च सम्मान, जानिए दोनों देशों के बीच क्या अहम समझौते हुए?