Ekadashi: हर माह में 2 एकादशी पड़ती हैं जिस चलते वर्ष में 24 एकादशी व्रत रखे जाते हैं. एकादशी के व्रत की विशेष धार्मिक मान्यता होती है और इसे बेहद शुभ माना जाता है. एकादशी के दिन मान्यतानुसार भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा की जाती है. भक्त यदि अपने आराध्य भगवान विष्णु की पूरे श्रद्धाभाव से पूजा-आराधना करते हैं तो उन्हें भगवान विष्णु अपना आशीर्वाद देते हैं और जीवन से कष्टों की मुक्ति करते हैं. वहीं, हर एकादशी का अपना एक अलग महत्व होता है. सालभर में जो एकादशी मनाई जाती हैं उनमें निर्जला एकादशी, अचला एकादशी, पापमोचिनी एकादशी और षटतिला एकादशी आदि शामिल हैं. परंतु, एकादशी के व्रत (Ekadashi Vrat) में कुछ खास बातों का ध्यान रखना भी जरूरी होता है. जानिए क्या हैं एकादशी पूजा के नियम और कैसे करना चाहिए इस दिन भगवान विष्णु का पूजन.
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एकादशी व्रत के नियम | Ekadashi Vrat Rules
देर तक सोने से परहेजएकादशी व्रत के दिन मान्यतानुसार सुबह देर तक सोने से परहेज करने की सलाह दी जाती है. कहा जाता है कि इस दिन सुबह-सवेरे जल्दी उठ जाना चाहिए.
इस दिन काले रंग के कपड़े पहनने से परहेज किया जाता है. इस रंग को एकादशी पर पहनने के लिए अशुभ मानते हैं. इसके बजाय पीले रंग के वस्त्र एकादशी पर पहनने बेहद शुभ होते हैं. पीले रंग को भगवान विष्णु का प्रिय रंग भी मानते हैं.
एकादशी के व्रत में तुलसी के पत्ते (Tulsi Leaves) तोड़ने से परहेज किया जाता है. पूजा में जिन पत्तों का इस्तेमाल किया जाना है उन्हें एक दिन पहले ही तोड़कर रख लेना चाहिए. इसके अलावा लकड़ी भी नहीं तोड़ी जाती है.
एकादशी के व्रत में तामसिक भोजन से परहेज किया जाता है. इस दिन चावल, लहसुन, प्याज और मांस-मंदिरा से दूर रहते हैं. खानपान में सात्विक भोजन को ही शामिल किया जाता है.
एकादशी व्रत रखने वाले व्यक्ति का भगवान विष्णु की पूजा करना बेहद आवश्यक कहा जाता है. बिना भगवान विष्णु की आराधना के एकादशी के व्रत को अधूरा मानते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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