Nautapa 2022: नौतपा ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि यानी 25 मई से शुरू हो गया है. नौतपा (Nautapa) के 9 दिनों तक सूर्य की गर्मी बढ़ जाती है. साथ ही इस दौरान तापमान बढ़ जाने से आंधी-तूफान आने की भी संभावना रहती है. ज्योतिष के मुताबिक नौतपा की अवधि (Nautapa 2022) में सूर्य देव (Surya Dev) रोहिणी नक्षत्र (Rohini Nakshatra) में रहते हैं. इस बार सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 25 मई से 8 जून तक रहेंगे. ऐसे में जानते हैं कि नौतपा का क्या महत्व है और इस दौरान कौन सा काम करना शुभ रहता है, साथ ही किन कामों से बचकर रहने की सलाह दी जाती है.
नौतपा के दौरान किए जाते हैं ये काम
नौतपा (Nautapa) के दौरान हल्का भोजन किया जाता है ताकि पाचन संबंधी किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न ना हो, क्योंकि नौतपा के दौरान अधिक गर्मी रहती है.
नौतपा की अवधि जल (Water) प्रचूर मात्रा में पीया जाता है ताकि शरीर में पानी की कमी ना हो. चूंकि नौतपा के दौरान भीषण गर्मी पड़ती है, इसलिए ऐसा कहा जाता है कि इसमें पर्याप्त मात्रा में जल का सेवन करना चाहिए.
नौतपा के दौरान राहगीरों और जरूरतमंदों को जल पिलाना चाहिए. मान्यता है कि यह एक प्रकार का पुण्य का कार्य है. इसके अलावा मान्यता यह भी है कि नौतपा के दौरान प्यासे को जल पिलाने से भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त होती है.
धार्मिक मान्यता है कि नौपता की पूरी अवधि में भगवान शिवलिंग पर जल अर्पित करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. साथ ही परेशानियों से धीरे-धीरे निजात मिलने लगती है.
नौतपा के दौरान भगवान हनुमान जी की पूजा अत्यंत फलदायी मानी गई है. कहा जाता है कि ज्येष्ठ माहीने में ही हनुमान जी की मुलाकात भगवान श्रीराम से हुई थी.
नौतपा के दौरान क्या ना करें
नौतपा के दौरान आंधी तूफान की संभावना प्रबल हो जाती है. ऐसे में इस दौरान शादी, मुंडन समेत अन्य मांगलिक कार्यों को करने से बचना चाहिए.
नौतपा के दौरान सूर्य की गर्मी चरम पर रहती है जिसके पूरी धरती तपती है. इसलिए इस अवधि में कम से कम यात्रा करनी चाहिए, क्योंकि ऐसा ना करने से सेहत से जुड़ी कई प्रकार की समस्याएं आ सकती हैं.
नौतपा के दौरान अधिक मसालेदार व्यंजनों का सेवन नहीं करना चाहिए. साथ ही भोजन में अधिक तेल, मिर्च और मसाले का इसकेमाल नहीं करना चाहिए. इसके अलावा इस दौरान मांस और मदीरा का सेवन करने से परहेज करना चाहिए. इससे सेहत बिगड़ सकती है.
इस महीने में बैंगन नहीं खाने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा इस दौरान दिन में सोने से परहेज करना चाहिए. ऐसी धार्मिक मान्यता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)