Chhath Puja 2025 Surya Arghya: आज छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य, जानें शुभ मुहूर्त और विधि

Chhath Puja 2025 Sandhya Arag Time: सनातन परंपरा में सबसे ज्यादा कठिन व्रतों में से एक छठ महापर्व पर आज तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. छठ महापर्व के तीसरे दिन की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और इसका धार्मिक महत्व जानने के लिए पढ़ें ये लेख. 

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Chhath Puja 2025 Sandhya Arag: छठ पूजा में संध्या अर्घ्य का समय और पूजा विधि
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Chhath Puja 2025 Sandhya Arag Shubh Muhurat and vidhi: आज कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि है, जिसे सनातन परंपरा में छठ महापर्व के रूप में जाना जाता है. यह पर्व भगवान सूर्य और इस पावन तिथि की देवी षष्ठी यानि छठी मैया को समर्पित है. लोक-आस्था से जुड़े इस पावन पर्व के तीसरे दिन आज आस्थावान लोग पूरे दिन निर्जल व्रत रखते हुए शाम के समय सूर्यदेव को संध्या अर्घ्य देकर अपने परिवार और संतान की मंगलकामना करेंगे. आइए छठ महापर्व के तीसरे दिन की पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि को विस्तार से जानते हैं. 

छठ महापर्व का शुभ मुहूर्त 

पंचांग के अनुसार जिस कार्तिक मास की षष्ठी तिथि को छठ महापर्व के रूप में बड़ी श्रद्धा और विश्वास के रूप में मनाया जाता है, वह आज 27 अक्टूबर 2025 को 06:04 बजे से प्रारंभ होकर कल 28 अक्टूबर 2025 को प्रात:काल 07:59 बजे समाप्त होगी. आज भगवान सूर्य का उदय प्रात:काल 06:30 बजे और सूर्यास्त सायंकाल  05:40 बजे होगा. 

छठ महापर्व के तीसरे दिन की पूजा विधि 

नहाय खाय से शुरू हुई छठ पूजा के तीसरे दिन आज खरना के बाद आस्थावान लोग 36 घंटे का व्रत रखते हुए शाम के समय भगवान सूर्य देव को संध्या अर्घ्य देंगे. आज सूर्य देवता का पहला अर्घ्य होगा और कल प्रात:काल सूर्योदय के समय दूसरा अर्घ्य रहेगा, जिसे देने के बाद यह व्रत पूर्ण होता है. संध्या अर्घ्य देने के लिए आज इस व्रत को करने वाले लोग एक सूप या फिर बांस की टोकरी में छठ पूजा की सभी सामग्री जैसे फल, फूल, ठेकुआ, चावल के लड्डू, गन्ना, नारियल आदि को रखकर किसी जल तीर्थ या फिर छठ घाट पर पहुंचेंगे.

इसके बाद सूर्यास्त के समय सूर्य देवता को पीतल के पात्र से ‘ॐ घृणि सूर्याय नमः' बोलते हुए संध्या अर्घ्य देंगे. सूर्य देवता को अर्घ्य देने के बाद व्रत करने वाले लोग ​अपने स्थान पर खड़े होकर सूर्य देवता की पांच बार परिक्रमा करते हैं और विधि-विधान से पूजा करते हुए दीप जलाकर अपने परिवार और संतान के लिए मंगलकामना करेंगे. इसी दौरान छठी मैया की विशेष पूजा भी की जाती है. इसी दौरान संतान का सुख दिलाने वाली छठी मैया की विशेष पूजा भी की जाती है. 

छठ पूजा में संध्या अर्घ्य की पूजा का महत्व 

हिंदू धर्म का यह एकमात्र ऐसा पर्व है, जिसमें भगवान सूर्य देव को संध्या के समय अर्घ्य दिया जाता है. छठ की इस पूजा को लेकर मान्यता है कि शाम के समय ज​ब व्रती लोग संध्या अर्घ्य देते हैं, उस समय भगवान सूर्य अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं. ऐसे समय में व्रत करने वाले लोग अपने परिवार एवं संतान की मंगलकामना लिए हुए उन्हें अर्घ्य प्रदान करते हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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