Chattarpur Mandir: शक्तिपीठ माना जाता है मां कात्यायनी का यह मंदिर, जानिए इस मंदिर की खासियत और कैसे पहुंचे वहां

Chattarpur Mandir: छतरपुर मंदिर मंदिर का वास्तविक नाम श्री आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ है. यह दिल्ली के प्रमुख मंदिरों में से एक है.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
Chattarpur Mandir: छतरपुर मंदिर में मां कात्यायनी की प्रतिमा स्थापित है.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
छतरपुर मंदिर में मां कात्यायनी की है मूर्ति.
दक्षिणी दिल्ली में स्थित है छतरपुर मंदिर.
सुबह 3 बजे से शुरू हो जाता है माता का श्रृंगार.

Chattarpur Mandir: दिल्ली में कई धार्मिक स्थल मौजूद हैं. छतरपुर मंदिर (Chattarpur Mandir) में उन्हीं में से एक है. यहां मां कात्यायनी मंदिर, श्रीलक्ष्मी विनायक मंदिर, मार्कण्डेय मंडप और हनुमान जी का मंदिर मैजूद है. इस मंदिर का वास्तविक नाम श्री आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ है. यह मंदिर दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर (Chattarpur) में अवस्थित है. सफेद मार्बल से बना हुआ यह मंदिर खूबसूरत बगीचों से घिरा हुआ है. कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना कर्नाटक के संत बाबा नागपाल जी ने की थी. छतरपुर माता मंदिर में मां दुर्गा के छठे स्वरूप माता कात्यायनी (Maa Katyayani) की भव्य और दिव्य मूर्ति स्थापित है. आइए जानते हैं छतरपुर मंदिर में क्या खास है और वहां कैसे पहुंचे. 

छतरपुर मंदिर कैसे पहुंचे | How To Reach Chattarpur Mandir

दिल्ली के किसी भी एरिया से छतरपुर मंदिर आसानी से पहुंचा जा सकता है. मेट्रो की बात करें तो, यहां से सबसे नजदीकी मेट्रो छतरपुर (यलो लाइन) है. मेट्रो स्टेशन से मंदिर महज 500 मीटर की दूरी पर अवस्थित है. इसके अलावा दिल्ली के सभी हिस्सों से छतरपुर के लिए बस मिलती है. 

क्या है छतरपुर ​मंदिर की खासियत | Specialty of Chattarpur Mandir

कात्यायनी माता मंदिर में मां भगवती का श्रृंगार रोज सुबह 3 बजे से शुरू हो जाता है. माता के श्रृंगार में इस्तेमाल किए जाने वाले वस्त्र, माला और आभूषण इत्यादि कभी दोहराए नहीं जाते हैं. साथ ही माला के श्रृंगार में इस्तेमाल किए जाने वाले फूल दक्षिण भारत से मंगवाए जाते हैं. इस मंदिर की खासियत है कि यह ग्रहण के दौरान भी खुला रहता है. नवरात्र के दौरान यह मंदिर 24 घंटे खुला रहता है.   

Advertisement

भक्त अपनी इच्छा पूर्ति के लिए चढ़ाते हैं ये सब


माता कात्यायनी मंदिर के प्रवेश द्वार के पास ही एक विशाल पेड़ है. भक्त इस पेड़ पर चुनरी, चूड़ी इत्यादि चढ़ाते हैं. मान्यता है कि यहां ये सब चीजें चढ़ाने से भक्तों की इच्छा पूरी होती है.

Advertisement

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)  

खबरों की खबर : ज्ञानवापी की ऐसी सर्वे रिपोर्ट पर कैसे हो भरोसा?

Featured Video Of The Day
Pahalgam Terror Attack | तुम दुनिया के लिए खतरा... UN में पाकिस्तान को भारत ने सुनाई खरी-खरी
Topics mentioned in this article