Maa Brahmacharini Aarti in Hindi: नवरात्रि के नौ दिनों में (Chaitra Navratri) मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है. वहीं, आज नवरात्रि का दूसरा दिन (Chaitra Navratri 2025 Day 2) है. ये दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी रूप को समर्पित है. यानी आज, सोमवार 31 मार्च को चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी. मां ब्रह्मचारिणी को तपस्या और साधना की देवी माना जाता है. उनके एक हाथ में जपमाला और दूसरे हाथ में कमंडल होता है. मां का वाहन सिंह है. मान्यता है कि ब्रह्मचारिणी माता की पूजा से भक्तों को आत्मसंयम, धैर्य और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है. ऐसे में नवरात्रि के दूसरे दिन भक्त सच्ची निष्ठा से माता ब्रह्मचारिणी की विधिपूर्वक पूजा कर, उनके नाम का उपवास रखते हैं और माता के आशीर्वाद की कामना करते हैं. वहीं, मां ब्रह्माचारिणी की पूजा उनकी आरती के बिना अधूरी मानी जाती है.
ऐसे में अगर आप मां ब्रह्मचारिणी की कृपा पाना चाहते हैं, तो नवरात्रि के दूसरे दिन विधिपूर्वक उनकी पूजा करें, उनके मंत्रों का जाप करें और श्रद्धा के साथ उनकी आरती गाएं. पूजा के समय आप यहां से पढ़कर मां की आरती (Maa Brahmacharini Ki Aarti) गा सकते हैं.
मां ब्रह्मचारिणी की आरती (Maa Brahmacharini Ki Aarti Lyrics)
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।
ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम:
ब्रह्मचारयितुम शीलम यस्या सा ब्रह्मचारिणी।
सच्चीदानन्द सुशीला च विश्वरूपा नमोस्तुते
या देवी सर्वभेतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
दधाना कर मद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)