Bhanu Saptami: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह में दो सप्तमी तिथि आती हैं. वहीं, इन तिथि में से अगर रविवार के दिन सप्तमी तिथि पड़ जाती है, तो उसे भानु सप्तमी या रथ सप्तमी के नाम से जाना जाता है. आज यानी वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि पर रविवार का दिन पड़ रहा है, ऐसे में आज भानु सप्तमी का पर्व मनाया जाएगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सप्तमी तिथि पर सूर्य देव अवतरित हुए थे. ऐसे में इस तिथि पर सूर्य देव की पूजा और व्रत करने का विधान है.
माना जाता है कि भानु सप्तमी पर सच्ची निष्ठा और सही विधि के साथ सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करने से समस्त कष्टों का नाश होता है, कारोबार में वृद्धि होती है और सुख-समृद्धि के द्वार खुल जाते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं भानु सप्तमी पर सूर्यदेव के पूजन की सही विधि, शुभ मुहूर्त और उपाय-
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भानु सप्तमी 2025 शुभ मुहूर्त (Bhanu Saptami 2025 Shubh Muhurat)
- ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 23 मिनट से 05 बजकर 07 मिनट तक
- अभिजित मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 54 से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक
- विजय मुहूर्त- दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 22 मिनट तक
- सायाह्न सन्ध्या- शाम 06 बजकर 49 मिनट से 07 बजकर 55 मिनट तक
- रवि योग- सुबह 10 बजकर 21 मिनट से 05 बजकर 51 मिनट तक
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण कर लें.
- इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है.
- अब, एक तांबे के लोटे में जल, लाल फूल, अक्षत और शक्कर डालकर सूर्य को अर्घ्य दें और व्रत का संकल्प लें.
- 'ॐ घृणिः सूर्याय नमः' मंत्र का 7, 11 या 21 बार जाप करें.
- सूर्यदेव को लाल चंदन, गुड़, गेहूं और तांबे का दान करें.
- सूर्या स्तुति या आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें.
- भानु सप्तमी के दिन गुड़ और लाल वस्त्र का दान करना बेहद शुभ माना जाता है. माना जाता है कि ऐसा करने से कारोबार में वृद्धि होती है.
- स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए भानु सप्तमी पर तांबे के बर्तन दान करना शुभ माना जाता है.
- भानु सप्तमी के दिन घर पर सूर्यदेव की पूजा-अर्चना कर सात घोड़ों वाले रथ पर सवार सूर्य भगवान की तस्वीर लगाना शुभ माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से आर्थिक तंगी दूर होती है.
- इस दिन लाल वस्त्र, गेहूं, तांबे के बर्तन और गुड़ का दान करने से पितृ दोष का निवारण होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)