Bhai Dooj 2021 : यम द्वितीया को क्यों मनाते हैं भाई-बहन का त्योहार भाई दूज, ऐसी है परंपरा

Happy Bhai Dooj 2021: यम द्वितीया को भाई दूज या भैया दूज भी कहा जाता है, इसके पीछे एक कहानी है. इस दिन यमराज और उनकी बहन यमुना की पूजा की परंपरा है. इस साल भाई दूज यानी यम द्वितीया नवंबर महीने की 6 तारीख को मनाया जाएगा.

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भाई दूज 2021 : इस दिन यमराज और उनकी बहन यमुना की पूजा की परंपरा है.
नई दिल्ली:

Bhai Dooj 2021: दिवाली के पांच दिनों के त्योहार में भाई बहन का त्योहार भाई दूज भी शामिल है. कार्तिक के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को 'यम द्वितीया' के रूप में मनाने की परंपरा रही है. इसी दिन भाई बहन का त्योहार भाई दूज (Bhai Dooj 2021) भी मनाते हैं. यम द्वितीया को भाई दूज या भैया दूज भी कहा जाता है, इसके पीछे एक कहानी है. इस दिन यमराज और उनकी बहन यमुना की पूजा की परंपरा है. इस साल भाई दूज (Bhai Dooj 2021) यानी यम द्वितीया नवंबर महीने की 6 तारीख को मनाया जाएगा.

जैसे राखी में भाइयों को तिलक लगाते हैं, इस दिन भी भाई का तिलक कर उसकी आरती उतारी जाती है. बहनें अपने भाई को मिठाई खिलाती हैं और तिलक लगाकर उसकी सलामती की कामना करती हैं. भाई, बहन के घर जाता है और तिलक करवा कर  प्यार से बहनों को उपहार देता है. बहनें भी छोटे भाइयों को गिफ्ट देती है. इस तरह भाई-बहन का ये प्यारा सा पर्व मनाया जाता है.

यम द्वितीया को क्यों कहते हैं भैया दूज

भैया दूज को सभी यम द्वितीया भी कहते हैं. दरअसल पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि एक बार यम देव अपनी बहन यमुना या यामी से मिलने गए. बहन ने आरती कर भाई का स्वागत किया. यम देव के माथे पर तिलक लगाकर बहन ने उन्हें मिठाई खिलाई और फिर बढ़िया भोजन कराया. यमराज, बहन के इस स्वागत से खूब खुश हुए और बहन को उपहार देते हुए इस बात की घोषणा की कि इस दिन जो भी भाई अपनी बहन से मिलने जाएंगे, बहने उनका आरती और तिलक कर स्वागत करें, इससे भाई सभी तरह की बुरी ताकतों से बचेंगे और उनका कल्याण होगा. तभी से इस दिन भाई-बहन का ये प्यारा त्योहार मनाया जाना लगा.

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भाई को तिलक करने का शुभ मुहूर्त

इस साल द्वितीया तिथि 5 नवंबर को रात्रि 11 बजकर 14 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 6 नवंबर को शाम 07 बजकर 44 मिनट तक रहेगी. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस साल भाई दूज पर अपने भाइयों को तिलक करने का सबसे शुभ समय दोपहर 1 बजकर 10 से लेकर 3 बजकर 21 मिनट तक है. आप अपने भाई को इस शुभ मुहूर्त में तिलक करें तो ये बेहद शुभ होगा, लेकिन किसी कारण ये समय चूक जाता है तो 6 नवंबर को शाम 7 बजे के पहले कभी भी भाई को  तिलक लगा सकती हैं.  

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