Vinayak Chaturthi 2023: हिंदू धर्म में विनायक चतुर्थी का अत्यधिक महत्व होता है. पंचांग के अनुसार, हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर विनायक चतुर्थी मनाई जाती है. इस महीने आषाढ़ माह की चतुर्थी मनाई जा रही है जिसे आषाढ़ विनायक चतुर्थी और वैनायकी चतुर्थी जैसे नामों से जाना जाता है. विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश (Lord Ganesha) का मान्यतानुसार पूजन किया जाता है. कहते हैं चतुर्थी के दिन व्रत रखने और पूजा-पाठ करने पर भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस दिन व्रत रखने पर भक्तों के जीवन में मान्यतानुसार सुख, धन, वैभव, खुशहाली और कीर्ति आने लगती है. इस साल आषाढ़ विनायक चतुर्थी 22 जून के दिन मनाई जा रही है.
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विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा | Lord Ganesh Puja On Vinayak Chaturthi
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थि तिथि की शुरुआत 21 जून, बुधवार दोपहर 3 बजकर 9 मिनट से हो रही है और इस तिथि का अंत 22 जून, गुरुवार की शाम 5 बजकर 27 मिनट पर होगा. विनायक गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पर पूजा का शुभ मुहूर्त 22 जून की सुबह 10 बजकर 59 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 47 मिनट तक बताया जा रहा है. इस शुभ मुहूर्त में पूजा करने पर मान्यतानुसार बप्पा प्रसन्न होते हैं.
आषाढ़ विनायक चतुर्थी पर पूजा करने के लिए सुबह उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं. जो भक्त व्रत रखने वाले हैं वे व्रत का संकल्प लेते हैं. फिर पूजा करने के लिए आसन पर गणपति बप्पा की प्रतिमा सजाई जाती है. कहते हैं जो लोग कर्ज से मुक्ति पाना चाहते हैं वे मूषक पर सवार गणपति की मूर्ति या तस्वीर ला सकते हैं और पूजा (Ganesh Puja) कर सकते हैं. आर्थिक तंगी से परेशान लोग इस पूजा में चौमुखी दीपक जला सकते हैं.
सर्वप्रथम गणेश भगवान पर दूर्वा, नारियल, कुमकुम और हल्दी अर्पित किए जाते हैं. भोग में मोदक चढ़ाया जाता है और गणपति बप्पा का 108 बार जाप करना शुभ माना जाता है. अंत में आरती करके गाय को चारा डालना भी इस दिन शुभ होता है. विनायक चतुर्थी पर रात के समय चंद्र दर्शन अच्छा नहीं माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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