Can we drink water during Ahoi Ashtami Fast; हिंदू धर्म में कई व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं. जीवन में सुख समृद्धि और परिजनों की लंबी उम्र के लिए कुछ व्रतों का विशेष महत्व है. संतान की मंगल कामना के लिए रखे जाने वाले व्रतों में अहोई अष्टमी Ahoi (Ashtami) का व्रत प्रमुख है. कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत (Ahoi Ashtami vart) रखा जाता है. इस व्रत में महिलाएं पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं और तारे के निकलने पर अहोई माता की पूजा के बाद पारण करती हैं. आइए जानते हैं कि अहोई अष्टमी के उपवास के दौरान पानी पीना चाहिए या नहीं ( drinking water in ahoi ashtami Vart).
अहोई अष्टमी व्रत
कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाने वाला व्रत अहोई अष्टमी निर्जला रखा जाता है. इसमें सूर्योदय के बाद से तारे के निकलने तक निर्जला उपवास रखने का नियम है. हालांकि जिन लोगों के लिए निर्जला व्रत रखना संभव नहीं है वे फलाहार व्रत भी कर सकते हैं.
अहोई अष्टमी के दिन दूध का स्पर्श वर्जित
अहोई अष्टमी के दिन के दिन व्रत रखने वालों को दूध और दूध से बनी चीजें स्पर्श नहीं करने का नियम है. इसलिए इस दिन दूध या दूध से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.
अहोई अष्टमी को पूजा का मुहूर्त
इस बार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी 24 अक्टूबर को सुबह 1 बजकर 18 मिनट से शुरू होकर 25 अक्टूबर की सुबह 1 बजकर 41 मिनट तक है. अहोई अष्टमी की पूजा 24 अकटूबर गुरुवार को शाम5 बजकर 41 मिनट से 6 बजकर 58 मिनट तक है. इस दिन तारों के दर्शन का समय शाम 6 बजकर 58 मिनट पर है. अहोई अष्टमी को चंद्रोदय का समय रात 11 बजकर 54 मिनट पर है.
अहोई अष्टमी व्रत के नियम
-अहोई अष्टमी के व्रत में हर तरह फल, अन्न या मिठाई के सेवन की मनाही होती है.
- शाम को अहोई माता की पूजा अर्चना करने लिए अहोई माता की तस्वीर की स्थापना करनी चाहिए.
- पूजा में अहोई माता को आठ पूड़ी, आठ मालपुआ या गुलगुले और चावल का भोग लगाएं. अहोई अष्टमी व्रत की कथा का पाठ करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)