दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की. इस दौरान केजरीवाल ने कहा कि आप उन्हें बुनियादी न्यूनतम कोष उपलब्ध कराएगी. उन्होंने कहा कि जब मैं राजनीति में नहीं आया था तब से मेरा विश्वास था कि जब तक गवर्नेंस को डिसेंट्रलाइज नहीं किया जाएगा तब तक गवर्नेंस कभी सफल नहीं हो सकती.
दिल्ली के सीएम ने कहा, " जैसे संसाधनों की बात की जाए. सरकारी पैसा बहुत सीमित होता है. उन्होंने हमारे घर के सामने की सड़क के फुटपाथ को साल में तीन बार तोड़कर बना दिया. लेकिन काम कराने जाओ तो कहते हैं फंड नहीं. कई बार हम देखते हैं कि कागजों में काम हो गया लेकिन असल में काम नहीं हुआ."
उन्होंने कहा, " कई बार हम देखते हैं कि रिसोर्सेज लिमिटेड हैं. जिस काम की जरूरत थी वह काम करवा नहीं रहे. हम सोचते थे कि गवर्नेंस में जनता की सीधी भागीदारी होनी चाहिए. आपके घर के सामने की जितनी भी समस्या है उनके फैसले आप खुद ले सकें."
सीएम ने कहा, " एमसीडी के चुनाव आ रहे हैं. जैसा लग रहा है कि आम आदमी पार्टी एमसीडी में आ रही है. अब हम इसको दिल्ली में लागू करना चाहते हैं. दिल्ली में हमने मोहल्ला सभा कानून बनाने की कोशिश की, लेकिन एमसीडी की एक्टिव पार्टिसिपेशन के बिना वह मुमकिन नहीं था. इस कारण वो ठंडे बस्ते में चला गया."
उन्होंने बातचीत के दौरान कहा कि आरडब्लूए जनता के बहुत करीब रहते हैं. खासकर कोरोनावायरस के समय उन्होंने शानदार काम किया था. हम चाहते हैं कि आप का दफ्तर चलाने के लिए भी कुछ बेसिक मिनिमम पर आपको दिया जाए. मच्छर की परेशानी बहुत छोटी चीज है, जिसे तुरंत लागू किया जा सकता है. इसे RWA खुद ही करवा सकती हैं, जब हम RWA को शक्ति देंगे.
सीएम ने कहा, " यह आइडिया बहुत अच्छा है जनता को सीधे गवर्नेंस के अंदर इंक्लूड किया जाए. दिल्ली में हमने स्कूल अस्पताल अच्छे कर दिए, जिसकी पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है. आरडब्लूए को विधायक निधि से पोर्टा केबिन और फर्नीचर देंगे."
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