एकल उपयोग वाली प्लास्टिक (सिंगल यूज प्लास्टिक या SUP) की चिह्नित वस्तुओं पर शुक्रवार से प्रतिबंध लागू हो जाने के साथ ही राज्य सरकारें एक अभियान शुरू कर इस तरह की वस्तुओं के निर्माण, वितरण, भंडारण और बिक्री से जुड़ी इकाइयों को बंद कराने की पहल कर रही हैं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. दिल्ली नगर निगम ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर अंकुश लगाने के लिए 689.01 किलोग्राम प्लास्टिक का सामान जब्त किया और 368 चालान किए हैं. इस दौरान प्लास्टिक स्टिक, गुब्बारों में इस्तेमाल प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, सजावट के लिए इस्तेमाल होने वाली पॉलीस्टायरीन (थर्मोकोल), प्लेट, कप, गिलास, कांटे की चम्मच, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे, रैपिंग और मिठाई के बक्सों वाले पैकेजिंग फिल्म, इनविटेशन कार्ड, सिगरेट के पैकेट और 100 माइक्रोन से कम प्लास्टिक या पीवीसी बैनर जब्त किए गए. प्रतिबंधित वस्तुओं के भंडारण, बिक्री और उपयोग बंद करने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर कुल 125 टीमें गठित की गई हैं.
सिंगल यूज प्लास्टिक की चिह्नित वस्तुओं पर लागू हुए प्रतिबंध के बीच कई विनिर्माताओं का कहना है कि विकल्पों के अभाव के कारण वे प्रतिबंध लागू करने के लिए तैयार नहीं हैं लेकिन केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने उद्योग जगत और आम जनता को एसयूपी उत्पादों पर पाबंदी की तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिया है और उसे उम्मीद है कि प्रतिबंध को लागू करने में सभी का सहयोग मिलेगा. पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (ईपीए) के तहत 19 एसयूपी उत्पादों को उपयोग से बाहर करने के लिए अधिसूचना जारी की गई है और किसी भी तरह के उल्लंघन पर जुर्माना या जेल की सजा समेत दंडनीय कार्रवाई का सामना करना होगा। इस बारे में विवरण ईपीए की धारा 15 में है.
अधिकारियों ने बताया कि प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए, राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं. प्रतिबंधित एसयूपी वस्तुओं के अवैध निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग की जांच के लिए विशेष प्रवर्तन दल गठित किए गए हैं. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सभी प्रतिबंधित एसयूपी वस्तुओं की अंतरराज्यीय आवाजाही रोकने के लिए सीमा चौकियां स्थापित करने का आदेश दिया गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने प्लास्टिक के उपयोग को रोकने में मदद करने में नागरिकों को सक्षम बनाने के मकसद से एक शिकायत निवारण एप्लीकेशन भी शुरू किया है.अधिकारियों ने कहा कि एफएमसीजी क्षेत्र में पैकेजिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन इसे विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व (ईपीआर) दिशानिर्देशों के अंतर्गत रखा जाएगा. मंत्रालय ने एक जुलाई, 2022 से पॉलीस्टीरीन और विस्तारित पॉलीस्टीरीन समेत चिह्नित एसयूपी वस्तुओं के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर रोक लगाने के लिए पिछले साल 12 अगस्त को एक अधिसूचना जारी की थी. राष्ट्रीय राजधानी में राजस्व विभाग और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने प्रतिबंध को लागू करने के लिए क्रमशः 33 और 15 दलों का गठन किया है. दिल्ली की बात करें तो यहां प्रतिदिन 1,060 टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है. राजधानी में कुल ठोस कचरे का 5.6 प्रतिशत (या 56 किलोग्राम प्रति मीट्रिक टन) एकल उपयोग प्लास्टिक होने का अनुमान है. (भाषा से भी इनपुट)
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