- दिल्ली पुलिस ने ऑपरेशन CyHawk के तहत साइबर फ्रॉड नेटवर्क और फर्जी कॉल सेंटरों पर बड़े पैमाने पर छापेमारी की.
- एक महीने की इंटेलिजेंस और डेटा एनालिसिस से 877 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया और 360 नए मामले दर्ज हुए.
- लगभग 1000 करोड़ रुपये के फ्रॉड की रकम संदिग्ध खातों से जुड़ी मिली, कई फर्जी कॉल सेंटर भी ध्वस्त किए गए.
दिल्ली पुलिस ने साइबर ठगों पर अब तक की सबसे बड़ी और सबसे सटीक कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन “CyHawk” को अंजाम दिया है. इस बड़े अभियान ने दिल्ली में फैले साइबर फ्रॉड नेटवर्क, फर्जी कॉल सेंटर और मनी म्यूल अकाउंट की पूरी चेन को हिला कर रख दिया है. यह ऑपरेशन सीधे तौर पर दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा, IPS की अवधारणा पर तैयार किया गया, जहां पुलिस ने पहली बार केवल शिकायत आने के बाद कार्रवाई करने के बजाय साइबर सिंडिकेट की रीढ़ पर शुरू में ही प्रहार किया.
ऑपरेशन CyHawk की मुख्य बातें
- दिल्ली के कई जिलों में एक साथ बड़े पैमाने पर छापेमारी
- महीनेभर की इंटेलिजेंस यूनिट (I4C, MHA) के साथ डिजिटल मैपिंग और डेटा एनालिसिस
- 4317 से ज्यादा संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ
- 877 साइबर अपराधी गिरफ्तार या बाउंड डाउन
- 360 नए FIR दर्ज, और पुराने 160 केस में भी अहम गिरफ्तारियां
- 3777 NCRP शिकायतें मनी म्यूल अकाउंट्स से लिंक हुईं
- देशभर में लगभग 1000 करोड़ के फ्रॉड की रकम संदिग्ध खातों से कनेक्ट हुई
- कई फर्जी कॉल सेंटर ध्वस्त, जहां से जॉब स्कैम, बैंक फ्रॉड, टेक-सपोर्ट फ्रॉड चल रहा था
- बड़ी संख्या में मॉबाइल, लैपटॉप, हार्ड डिस्क, सिम कार्ड, बैंक कार्ड, रजिस्टर बरामद
कैसे चला ऑपरेशन CyHawk?
I4C (MHA) और दिल्ली पुलिस की विशेष टीमों ने साथ मिलकर एक महीने तक डिजिटल डेटा खंगाला. यह पता लगाने की कोशिश की कि कौन-कौन से फोन नंबर से धोखाधड़ी होती है और किन बैंक खातों में पैसे जमा हुए. इन में कौन लोग कैश निकालने वाले फुट सोल्जर हैं. साथ ही ये भी पता लगाया गया कि कौन-से घरों और दफ्तरों में फर्जी कॉल सेंटर चलते हैं. ये सारी जानकारी जुटाकर अचानक बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई.
ऑपरेशन की अगुवाई इन पुलिस अधिकारियों ने की
- मधुप तिवारी, Spl. CP/L&O
- अनिल शुक्ला, Spl. CP/Special Cell
- रजनीश गुप्ता, Jt. CP/IFSO और एस.के. जैन, Jt. CP/SR
4467 लोग पूछताछ के दौरान पकड़े गए
- 877 आरोपी गिरफ्तार
- 509 लोगों को नोटिस जारी, जिनके खातों में संदिग्ध लेन-देन मिले
- 360 नई FIR
- पुराने कई साइबर केसों में भी बड़ी सफलता
- 1000 करोड़ की फ्रॉड राशि की ट्रेल सामने आई
- कई कॉल सेंटर सील कर दिए गए
- भारी संख्या में डिजिटल सामान और वित्तीय दस्तावेज जब्त
साइबर अपराधियों के लिए दिल्ली में कोई सुरक्षित जगह नहीं
दिल्ली पुलिस का कहना है कि आने वाले दिनों में इस डेटा से और बड़ी गिरफ्तारियां और नेटवर्क का खुलासा होगा. पुलिस कमिश्नर सतीश गोलछा के मुताबिक, ऑपरेशन CyHawk ये बताता है कि साइबर अपराधियों के लिए दिल्ली में कोई सुरक्षित जगह नहीं है. यह सिर्फ शुरुआत है, साइबर अपराध को उसी की भाषा में जवाब मिलेगा.
इसके साथ ही पुलिस ने आम जनता को Be Cyber Safe, Be Cyber Smart का मैसेज दिया है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि कोई भी OTP, PIN, CVV, बैंक डिटेल शेयर न करें और जॉब ऑफर या “झटपट कमाई” जैसे मैसेजों पर बिल्कुल भी भरोसा न करें. ग्राहक सेवा के नंबर Google पर न ढूंढें, सिर्फ आधिकारिक वेबसाइट से लें. किसी के कहने पर मोबाइल में स्क्रीन-शेयरिंग ऐप न डालें. 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन जरूर इस्तेमाल करें और फोन और ऐप अपडेट रखें. अगर कोई आपसे धोखाधड़ी करने की कोशिश करता है तो स्क्रीनशॉट लेकर तुरंत इन पोर्टलों पर रिपोर्ट करें:
NCRP पोर्टल: cybercrime.gov.in या Sanchaar Saathi ऐप.
साइबर फ्रॉड से बचाने के लिए बड़ा ऑपरेशन
दिल्ली पुलिस स्कूलों, कॉलेजों, आरडब्ल्यूए, मार्केट और कम्युनिटी सेंटर में लगातार वर्कशॉप कर रही है, ताकि लोगों को साइबर जाल से बचाया जा सके. रजनीश गुप्ता, संयुक्त पुलिस आयुक्त (IFSO), दिल्ली पुलिस ने कहा कि मामले की तुरंत शिकायत करें. अब हर थाने में अब इंटीग्रेटेड हेल्प डेस्क मौजूद है. साइबर फ्रॉड, सोशल मीडिया मिसयूज़ या ऑनलाइन धमकी, किसी भी समस्या पर तुरंत जाएं या हैल्पलाइन 1930 पर तुरंत कॉल करें. जितना जल्दी रिपोर्ट करेंगे, उतनी जल्दी फ्रॉड ट्रांजैक्शन ब्लॉक हो सकती है.













