Jahangirpuri violence: जहांगीरपुरी हिंसा मामले में गिरफ्तार आरोपियों को दिल्ली पुलिस फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) में ले गई जहां उनके उसी कोण से फोटो खींचे गए जिसमें वे CCTV फुटेज और वीडियो में दिख रहे हैं. अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि अदालत से आदेश लेने के बाद पूरी कवायद को अंजाम दिया गया. पुलिस ने कहा कि चेहरा पहचानने वाली प्रणाली से कई आरोपियों को पकड़ा गया है. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने घटना के सिलसिले में दो और लोगों सद्दाम खान और सांवर मलिक उर्फ कालिया को गिरफ्तार किया है. इससे पहले 37 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और दो नाबालिगों को पकड़ा गया है. पुलिस ने कहा कि कुछ आरोपियों को चेहरा पहचानने वाली प्रणाली की मदद से पकड़ा गया, जिसका इस्तेमाल दिल्ली पुलिस संवेदनशील मामलों को सुलझाने के लिए कर रही है.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 37 आरोपियों के खिलाफ जुलाई में आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है. इस अधिकारी ने बताया, “शुरुआती जांच स्थानीय खुफिया इकाई के जरिए की गई थी. स्थानीय लोगों ने भी आरोपियों की शिनाख्त करने में मदद की है. इसे तकनीकी रूप से बहुत ठोस सबूत बनाने के लिए हमने अदालत से आदेश लिया और एफएसएल के जरिए तस्वीरें खिंचवाईं. तस्वीरों का मिलान उपलब्ध वीडियो के साथ किया जाएगा.”
उन्होंने बताया, “आरोपियों को जेल से एफएसएल ईकाई ले जाया गया और उनके उसी कोण से फोटो खिंचवाए गए जिसमें वे वीडियो में दिखे थे. एफएसएल के पास इसमें एक विशेषज्ञ इकाई है. अभी रिपोर्ट नहीं आई है.” अधिकारियों ने कहा कि यह प्रक्रिया पहले भी इस्तेमाल की गई है. उन्होंने कहा कि इस मामले में अभी छह और आरोपियों की गिरफ्तारी की जानी है. अप्रैल में जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के मौके पर निकाले जा रहे जुलूस के दौरान दो समुदायों के लोगों में संघर्ष हो गया था जिसमें आठ पुलिस कर्मी और एक स्थानीय निवासी जख्मी हो गया था.
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