त्योहारों के बीच सदर बाजार में सुरक्षा के लिए महिला बांउसर्स को किया गया तैनात... लेकिन अब भी चुनौतियां सामने

ब्लैक यूनिफॉर्म में नजर आने वाली महिला बाउंसर्स लगातार बाजार में गश्त करती हैं, लोगों को सावधान करती हैं और संदिग्धों पर नजर रखती हैं. बाउंसर काजल बताती हैं, “हम चेन और पर्स छीनने वालों को पकड़कर पुलिस को हैंडओवर करते हैं.”

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(फाइल फोटो)
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  • दिल्ली के सदर बाजार में त्योहारों के दौरान महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला बाउंसर्स की तैनाती की गई है
  • महिला बाउंसर्स भीड़ को नियंत्रित करती हैं और चोरी-छिनौती जैसी घटनाओं को रोकने में मदद करती हैं
  • सुरक्षा बढ़ाने के लिए मेटल डिटेक्टर और फेस रेकग्निशन सिस्टम लगाए गए और महिला कांस्टेबल्स की संख्या बढ़ाई गई
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नई दिल्ली:

दिल्ली के सदर बाजार में इस बार त्योहारों की रौनक के साथ सुरक्षा की एक अलग तस्वीर भी देखने को मिल रही है. महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए महिला बाउंसर्स की तैनाती की गई है. इनका मकसद भीड़ को नियंत्रित करना और चोरी-छपटमारी जैसी घटनाओं को रोकना है.

ब्लैक यूनिफॉर्म में नजर आने वाली महिला बाउंसर्स लगातार बाजार में गश्त करती हैं, लोगों को सावधान करती हैं और संदिग्धों पर नजर रखती हैं. बाउंसर काजल बताती हैं, “हम चेन और पर्स छीनने वालों को पकड़कर पुलिस को हैंडओवर करते हैं.” वहीं बाउंसर पूनम कहती हैं, “हमारा काम भीड़ को कंट्रोल में रखना और रास्ता साफ रखना है.”

सदर बाजार एसोसिएशन के सदस्य पुष्पेंद्र का कहना है कि महिला बाउंसर्स की मौजूदगी से खरीददार और दुकानदार दोनों ही ज़्यादा सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. वहीं महिला खरीदारों का भी कहना है कि उनके होने से सुरक्षा की भावना बढ़ी है.

डीसीपी नॉर्थ राजा बैंठिया ने बताया कि बाज़ार में सुरक्षा बढ़ाने के लिए मेटल डिटेक्टर और फेस रेकग्निशन सिस्टम लगाए गए हैं ताकि असामाजिक तत्वों की धर पकड़ की जा सके. इसके अलावा महिला कांस्टेबल्स की संख्या भी बढ़ाई गई है.

हालांकि, इन तमाम कोशिशों के बावजूद चोरी और छप्पटमारी की घटनाएं अब भी बाज़ार के लिए चुनौती बनी हुई हैं. एक महिला खरीदार ने रोते हुए एनडीटीवी से कहा, “मेरा मोबाइल चुरा लिया, मेरे हसबैंड का पर्स भी…” त्योहारों की इस भीड़ में प्रशासन की कोशिश है कि महिलाएं बिना डर और झिझक खरीदारी कर सकें. महिला बाउंसर्स की मौजूदगी ने सुरक्षा की तस्वीर को बदला जरूर है, लेकिन सदर बाजार जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके में फुलप्रूफ सुरक्षा अब भी सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है.

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