- दिल्ली पुलिस की आउटर नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट टीम ने गोगी गैंग से जुड़े दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है.
- आरोपियों के पास से सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल, देशी कट्टा, तीन कारतूस और एक सफेद i20 कार बरामद हुई है.
- ऋतिक उर्फ बॉम्ब ने क्रिप्टो करेंसी के जरिए पाकिस्तान के ठगों के साथ पैसे के लेनदेन में मीडिएटर का काम बताया.
त्योहारों के दौरान सुरक्षा बढ़ाने के लिए चलाए जा रहे स्पेशल ड्राइव के तहत दिल्ली पुलिस की आउटर नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट टीम को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने गोगी गैंग और सोनू खरखरी गिरोह से जुड़े दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान ऋतिक उर्फ बॉम्ब और चंदन के रूप में हुई है. पुलिस ने इनके पास से एक सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल, एक देशी कट्टा और तीन कारतूस, साथ ही एक i20 कार बरामद की है.
पुलिस को देखते ही भागे बदमाश
2 अक्टूबर को जब पूरा शहर दशहरे के त्योहार में व्यस्त था, उस वक्त समयपुर बादली थाने की टीम इलाके में गश्त कर रही थी. तभी संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर के पास बिना नंबर प्लेट की एक सफेद i20 कार आती दिखाई दी. पुलिस ने कार रुकवाने की कोशिश की, लेकिन कार में बैठे बदमाश भागने लगे. पुलिस टीम ने पीछा किया और थोड़ी दूर पर गाड़ी रोककर तीन आरोपियों को पकड़ लिया, जबकि तीन फरार हो गए. पकड़े गए लोगों की तलाशी में गैर-कानूनी हथियार और कारतूस मिले। इसके बाद मामला दर्ज कर इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
कौन हैं ये आरोपी
ऋतिक उर्फ बॉम्ब उम्र 22 साल
कपासहेड़ा का रहने वाला. थाना कपासहेड़ा का हिस्ट्रीशीटर और बैड कैरेक्टर घोषित. अब तक छह संगीन केसों में शामिल रह चुका है , हत्या की कोशिश, लूट, हथियार एक्ट आदि. सोनू खरखरी और गोगी गैंग से इसका काफी करीबी जुड़ाव है. यह पहले राजेश भारती गैंग (क्रांति गैंग) से भी जुड़ा था.
चंदन 19 साल
ऋतिक का साथी, दो केसों में पहले से शामिल.
पुलिस के मुताबिक, यह ऋतिक को लोगों और लॉजिस्टिक सपोर्ट देता था.
क्रिप्टो फ्रॉड और पाकिस्तान कनेक्शन
पूछताछ में ऋतिक ने चौकाने वाला खुलासा किया, उसने बताया कि वो क्रिप्टो करेंसी (USDT/Tether) के tरिए पाकिस्तान में बैठे ठगों के साथ पैसे के लेनदेन में मीडिएटर का काम कर रहा था. वह पाकिस्तानी व्हाट्सऐप नंबरों (+92 सीरीज़) से बात करता था और उन्हें भारत के UPI IDs उपलब्ध कराता था जिनके जरिए ठग भारतीय बैंक खातों में पैसे मंगवाते थे. ये पैसे फेक लोन ऐप्स के शिकार लोगों से वसूले जाते थे. यानी जो लोग ऑनलाइन 'आसान लोन' के झांसे में फंसते थे, उनसे धमकाकर पैसे वसूले जाते, और फिर वही पैसे ऋतिक के माध्यम से क्रिप्टो करेंसी में बदल दिए जाते थे. ऋतिक हर ट्रांजैक्शन पर करीब 5 फीसदी कमीशन लेता था और बीते 3–4 महीनों से ये काम कर रहा था.
5 दिन की पुलिस रिमांड
दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर 5 दिन की पुलिस रिमांड ली गई है. अब पुलिस इनके अन्य साथियों और फरार बदमाश सूरज उर्फ ऋतिक की तलाश में जुटी है. पुलिस ने बताया कि आरोपी ऋतिक के मोबाइल से 6 विदेशी (पाकिस्तानी) नंबर, 3 Binance अकाउंट, और भुगतान के स्क्रीनशॉट्स मिले हैं. इससे एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर-क्राइम नेटवर्क के सक्रिय होने के संकेत मिले हैं.
DCP हरेश्वर स्वामी के मुताबिक दोनों गिरफ्तार अपराधी लंबे समय से दिल्ली में सक्रिय गिरोहों से जुड़े हुए हैं. इनकी गिरफ्तारी से न केवल हथियारों की सप्लाई चैन टूटी है बल्कि एक बड़ा क्रिप्टो-आधारित साइबर सिंडिकेट भी बेनकाब हुआ है.