- दिल्ली के पीडब्लूडी एवं जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने माना कि राजधानी के कई इलाकों में जलसंकट है और लोगों को गंदा पानी सप्लाई हो रहा है.
- मंत्री ने इसके लिए दशकों पुरानी पाइपलाइनों और पिछली सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि जल एवं सीवर व्यवस्था सुधारने पर काम चल रहा है.
- उन्होंने बताया कि नई पाइपलाइनों के निर्माण के लिए बजट पारित हो चुका है, टेंडर पास हो चुके हैं. कुछ जगहों पर काम भी शुरू हो गया है.
राजधानी दिल्ली के कई इलाके इन दिनों जलसंकट से जूझ रहे हैं. दिल्ली सरकार के लोक निर्माण एवं जल मंत्री प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने खुद दौरा करके राजधानी में व्याप्त जल संकट और जर्जर जल आपूर्ति प्रणाली का जायजा लिया. उन्होंने माना कि कई इलाकों में गंदा पानी आ रहा है. उन्होंने इसके लिए दशकों पुरानी पाइपलाइन और पिछली सरकार को जिम्मेदार ठहराया और बताया कि बीजेपी सरकार ने पूरी दिल्ली में जल एवं सीवर व्यवस्था को सुधारने की योजना पर काम शुरू कर दिया है.
मंत्री ने इलाकों का दौरा कर जायजा लिया
लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा ने शनिवार को अपने विधानसभा क्षेत्र नई दिल्ली में गोल मार्केट के डी-ब्लॉक, रकाबगंज स्थित गुरुद्वारा फ्लैट्स और सरोजिनी नगर के टाइप-2 फ्लैट्स का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली के कई इलाकों में लोगों को गंदा पानी मिल रहा है, क्योंकि यहां 40 से 80 साल पुरानी पाइपलाइनों से जलापूर्ति की जा रही है.
पिछली सरकार को जिम्मेदार ठहराया
मंत्री ने इस स्थिति के लिए पिछली आम आदमी पार्टी की सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने दावा किया कि पिछली सरकार ने एक भी नई पाइपलाइन नहीं डाली. लोगों की सबसे बुनियादी ज़रूरत - साफ और सुरक्षित पीने का पानी - तक को नजरअंदाज कर दिया.
पाइपलाइन बदलने पर काम शुरू
प्रवेश वर्मा ने बताया कि बीजेपी सरकार ने सत्ता में आने के बाद इस दिशा में ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. पूरे दिल्ली में जल और सीवर व्यवस्था के पुनर्निर्माण की योजना पर काम शुरू हो चुका है. मंत्री ने बताया कि हम दिल्ली के लिए एक नया मास्टर प्लान बना रहे हैं. नई पाइपलाइनों की योजना बन चुकी है, बजट पारित हो चुका है, टेंडर भी पास हो चुके हैं और कुछ जगहों पर काम भी शुरू हो चुका है.
'एक साल के अंदर तस्वीर बदल देंगे'
मंत्री ने कहा कि यह सरकार सिर्फ़ पांच महीने पुरानी है, लेकिन मैं आप सभी से वादा करता हूं कि एक साल के अंदर दिल्ली की तस्वीर बदलकर रख देंगे. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह काम सिर्फ घोषणाओं तक सीमित नहीं है बल्कि ज़मीन पर इसका असर दिखने लगा है. उन्होंने संबंधित विभागों को तय समयसीमा में काम पूरा करने के निर्देश दिए. कहा कि गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से पूरी की जानी चाहिए.