दिल्ली में कुत्तों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, फीडिंग पॉइंट से अलग खाना खिलाया तो होगी कार्रवाई, गाइडलाइंस जारी

दिल्ली सरकार की गाइडलाइंस में कहा गया है कि पशु प्रेमी बेघर जानवरों और कुत्तों को ऐसी जगहों पर ही खाना दे सकते हैं, जहां बुजुर्ग और बच्चे न आते-जाते हों. पशु प्रेमियों को परेशान करना, धमकाना या रोकना गंभीर अपराध माना जाएगा.

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  • सरकार ने कहा है कि पशु प्रेमी बेघर कुत्तों को वहीं खाना दे सकते हैं, जहां बुजुर्ग और बच्चे न आते-जाते हों
  • गाइडलाइंस में ये भी कहा है कि पशु प्रेमियों को परेशान करना, धमकाना या रोकना गंभीर अपराध माना जाएगा
  • तीन महीने से अधिक उम्र के पालतू कुत्तों का सालाना पंजीकरण और टीकाकरण अनिवार्य कर दिया गया है
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नई दिल्ली:

दिल्ली सरकार ने आवारा और पालतू कुत्तों के बारे में डिटेल्ड गाइडलाइंस जारी की हैं. इसमें कहा गया है कि पशु प्रेमी बेघर जानवरों और कुत्तों को वहीं पर खाना दे सकते हैं, जहां बुजुर्ग और बच्चे न आते-जाते हों. फीडिंग पॉइंट्स पर साफ-सफाई बनाए रखना और बचे हुए खाने को सुरक्षित तरीके से निपटाना भी जरूरी है. ये भी कहा गया है कि पशु प्रेमियों को परेशान करना, धमकाना या रोकना गंभीर अपराध की श्रेणी में आएगा. 

फीडिंग पॉइंट पर लगाने होंगे बोर्ड

सरकार के दिशानिर्देश के मुताबिक, फीडिंग पॉइंट्स को साइनबोर्ड के जरिए स्पष्ट रूप से चिह्नित किया जाएगा. अगर कोई अन्य स्थानों पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. फीडिंग पॉइंट्स पर मतभेद होने की स्थिति में समिति निर्धारित स्थल का दौरा करके निर्णय लेगी. असंतुष्ट लोगों को दिल्ली एनिमल वेलफेयर बोर्ड में अपील करने का अधिकार होगा.

पालतू कुत्तों का हर साल पंजीकरण जरूरी

दिल्ली में पालतू कुत्तों को रखने के लिए अब रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. तीन महीने से अधिक उम्र के प्रत्येक पालतू कुत्ते का स्थानीय निकाय के कार्यालय में पंजीकरण अनिवार्य है. पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन एक साल के लिए वैध होगा. हर साल इसे रिन्यू कराना आवश्यक होगा. भारतीय ब्रीड के कुत्तों को पालने पर रजिस्ट्रेशन फीस नहीं ली जाएगी. पहले साल का टीकाकरण और नसबंदी भी मुफ्त में किया जाएगा. 

आक्रामक कुत्तों के लिए शेल्टर होम बनेंगे

तीन महीने से अधिक उम्र के हर पालतू कुत्ते का सालाना पंजीकरण और रेबीज़ टीकाकरण अनिवार्य होगा. आक्रामक और रेबीज़ संदिग्ध कुत्तों को अलग रखकर निगरानी की जाएगी. रेबीज़ पॉजिटिव मिलने पर वैज्ञानिक तरीके से शव का निपटान किया जाएगा. आक्रामक कुत्तों के लिए स्थायी शेल्टर बनाए जाएंगे.

नसबंदी अभियान के लिए भी नियम जारी

सरकार ने कहा है कि एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया (AWBI) से मान्यता प्राप्त NGO ही एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) प्रोग्राम चला सकते हैं. पशु प्रेमियों को स्थानीय प्राधिकरण द्वारा चलाए जा रहे ABC कार्यक्रम में स्वेच्छा से भाग लेना चाहिए. ये भी कहा गया है कि कुत्ते स्वाभाविक रूप से अपने क्षेत्र के प्रति जागरूक होते हैं, ऐसे में उनके क्षेत्र से जबरन हटाने से संघर्ष हो सकता है. 

शिकायत के लिए 24×7 हेल्पलाइन

शिकायतों के समाधान के लिए हर स्थानीय निकाय में 24×7 हेल्पलाइन और ऑनलाइन पोर्टल उपलब्ध होंगे. किसी भी कुत्ते को मारना या उसके इलाके से जबरन हटाना गैरकानूनी होगा. नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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