दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में मौसम की पहली घनी धुंध छा गयी है और इसके दो और दिनों तक रहने की आशंका है. विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र (सीएसई) ने बुधवार को यह जानकारी दी. हालांकि, दिल्ली में मौसमी धुंध घनी है लेकिन अक्टूबर के मध्य से आठ नवंबर तक पराली जलाने से होने वाले धुएं का औसत दैनिक योगदान पिछले चार वर्षों में सबसे कम रहा है.
सीएसई में अनुसंधान की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रॉय चौधरी ने कहा, ‘जाहिर तौर पर मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों (ठंडी और शांत हवाओं) के संयुक्त असर, पराली और पटाखे जलाने से मौसम की धुंध छा गयी है.'
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सीएसई ने बताया कि पिछले चार वर्षों की धुंध की पहली घटना की तुलना करने पर मौजूदा धुंध 2018 और 2020 की पहली धुंध की अवधि से मिलती है जो छह दिनों तक रही थी. अगर परिस्थितियों में सुधार नहीं होता है तो यह 2019 की धुंध से भी अधिक समय तक रह सकती है जो आठ दिनों तक रही थी.
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सीएसई ने कहा, ‘दिल्ली के औसतन दैनिक पीएम2.5 में अक्टूबर से आठ नवंबर के दौरान धुएं का योगदान पिछले चार वर्षों में सबसे कम रहा है. अभी तक यह प्रतिदिन औसतन 12 प्रतिशत दर्ज किया गया जबकि पिछले साल 17 फीसदी, 2019 में 14 फीसदी और 2018 में 16 प्रतिशत था.'
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