दिल्ली के चर्चित किडनैपिंग-फिरौती केस में क्राइम ब्रांच को मिली बड़ी सफलता, 25 साल बाद किडनैपर गिरफ्तार

29 जनवरी 2000 को गाजियाबाद निवासी श्रीनाथ यादव को आरोपी सुनीत और उसके दो भाइयों ने अगवा किया. पहले उन्हें चांदनी चौक ले जाया गया और फिर मालिक रामगोपाल को फोन कर फिरौती मांगी गई थी.

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  • दिल्ली क्राइम ब्रांच ने 25 साल पुराने अपहरण और फिरौती के मामले में आरोपी सुनीत अग्रवाल को मुंबई के मलाड से गिरफ्तार किया है।
  • जनवरी 2000 में गाजियाबाद निवासी श्रीनाथ यादव को सुनीत और उसके भाइयों ने अगवा कर विभिन्न स्थानों पर ले जाकर बेरहमी से पीटा था।
  • आरोपी सुनीत अग्रवाल को 2000 में गिरफ्तार कर जमानत पर छोड़ा गया था, जिसके बाद वह दिल्ली से फरार हो गया और 2004 में अपराधी घोषित हुआ।
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नई दिल्ली:

दिल्ली क्राइम ब्रांच ने 25 साल पुराने अपहरण और फिरौती के केस को सुलझाते हुए 46 साल के आरोपी सुनीत अग्रवाल उर्फ पप्पी उर्फ बबली को मुंबई के मलाड इलाके से गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी क्राइम ब्रांच की एंटी रोबरी स्क्वॉड की टीम ने की है. साल 2000 में दिल्ली के कोतवाली थाने में FIR दर्ज हुई थी. मामला बेहद सनसनीखेज था, जिसमें पीड़ित श्रीनाथ यादव को अगवा कर धमकी दी गई थी और फिरौती मांगी गई थी.

कैसे हुआ था अपहरण

29 जनवरी 2000 को गाजियाबाद निवासी श्रीनाथ यादव को आरोपी सुनीत और उसके दो भाइयों ने अगवा किया. पहले उन्हें चांदनी चौक ले जाया गया और फिर मालिक रामगोपाल को फोन कर फिरौती मांगी गई. इसके बाद पीड़ित को लाल किले, कालकाजी और एक फ्लैट में घुमाकर बेरहमी से पीटा गया, यहां तक कि सिर पर पिस्तौल रखकर मालिक को फिरौती के लिए बुलाया गया. आखिर में पीड़ित को सफदरजंग एयरपोर्ट ब्रिज पर ले जाकर छोड़ा गया और धमकी दी गई कि अगर किसी को बताया तो जान से मार देंगे.

2000 में गिरफ्तार होने के बाद सुनीत अग्रवाल जमानत पर छूटा और दिल्ली से गायब हो गया. साल 2004 में उसे कोर्ट ने घोषित अपराधी  घोषित कर दिया.

गिरफ्तारी कैसे हुई
ARSC की टीम लंबे समय से वांछित अपराधियों की निगरानी कर रही थी. इसी दौरान SI संदीप संधू को गुप्त सूचना मिली कि सुनीत अग्रवाल मुंबई में एक्टिव है. इसके बाद टीम मुंबई के मलाड पहुंची और तकनीकी सर्विलांस और मानव स्रोतों के जरिए आरोपी को उसके बिजनेस प्लेस से ड्रामेटिक तरीके से गिरफ्तार किया गया.

आरोपी की जिंदगी.. कैसे खुद को छुपाया

पूछताछ में सुनीत ने बताया कि वह लगातार अपनी पहचान, फोन नंबर और पता बदलता रहा, यहां तक कि अपने रिश्तेदारों और पुराने दोस्तों से भी कोई संपर्क नहीं रखा. वह हर 6 महीने में एक नया किराए का ठिकाना बदलता था. ताकि पुलिस की नजरों में न आए.

सुनीत अग्रवाल की प्रोफाइल

  • जन्म: दिल्ली, 1979
  • पढ़ाई: B.Com ड्रॉपआउट, दिल्ली यूनिवर्सिटी
  • 2000 में बेल मिलने के बाद दिल्ली छोड़ी
  • ठाणे (मुंबई) में टू-व्हीलर फाइनेंस का काम शुरू किया
  • 2004 में मुंबई में शादी की, एक बेटा है जो थाकुर कॉलेज, कांदिवली से फाइनेंस की पढ़ाई कर रहा है
  • 2015 से नकली गहनों (imitation jewellery) का बिजनेस कर रहा था
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