दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर बने केस के लिए दिल्ली पुलिस के सुझाये स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर की लिस्ट पर मुहर लगा दी है. इस फैसले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उप राज्यपाल के इस फैसले से 'दिल्ली के लोगों का अपमान' हुआ है.
केजरीवाल ने हिंदी में ट्वीट करते हुए लिखा है, 'कैबिनेट निर्णयों को इस तरह पलटना दिल्ली वालों का अपमान है. दिल्ली के लोगों ने एतिहासिक बहुमत से 'आप' सरकार बनायी और भाजपा को हराया. भाजपा देश चलाये, 'आप' को दिल्ली चलाने दे. आए दिन हर काम में इस तरह की दखल दिल्ली के लोगों का अपमान है. भाजपा जनतंत्र का सम्मान करे.'
बता दें, 19 जुलाई को केजरीवाल कैबिनेट ने फैसला किया था कि किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर जो केस बने हैं, उसमें दिल्ली सरकार के चयनित वकील ही पब्लिक प्रॉसिक्यूटर बनेंगे, दिल्ली पुलिस के नहीं. 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों ने मार्च निकाला था जिसके दौरान हिंसा हुई थी. इसी मामले में किसानों पर बहुत से केस दर्ज हुए हैं.
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इन्हीं मामलों में दिल्ली पुलिस अपने सुझाये हुए वकीलों को स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर बनाना चाहती थी जबकि दिल्ली सरकार का कहना था कि जो सरकारी वकील कोर्ट में सरकार की तरफ से नियुक्त होते हैं वही इस मामले में पब्लिक प्रॉसिक्यूटर होंगे.
मनीष सिसोदिया ने सवाल उठाते हुए कहा, वकीलों की नियुक्ति में केंद्र सरकार की क्या दिलचस्पी है? दिल्ली की चुनी हुई सरकार की नहीं चलने देंगे बल्कि केंद्र सरकार के वकील मामले को देखेंगे? केंद्र सरकार किसानों के खिलाफ ऐसा क्या करना चाह रही है? उन्होंने कहा कि अगर वकीलों की नियुक्ति भी उपराज्यपाल करेंगे तो संविधान में चुनी हुई सरकार का मतलब क्या रह जाएगा.
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