PMO के कार्ड से नेताओं संग फर्जी तस्वीरों तक, माहौल बनाए रखने के लिए ऐसे 'तिलिस्म' रचता था चैतन्यानंद

Chaitanyananda News: बाबा के पास से प्रधानमंत्री कार्यालय का फर्जी पहचान पत्र मिला है, जिसमें बाबा ने खुद को प्राइम मिनिस्टर एडवाइजरी काउंसिल ऑफ एजुकेशन का मेंबर बताया है. चैतन्यानंद का फर्जीवाड़ा आगे भी जारी रहा.

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बाबा चैतन्यानंद के नए-नए फर्जीवाड़े.
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  • चैतन्यानंद की फोटोशॉप की गईं कई फर्जी तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें वह बड़े नेताओं के साथ दिख रहा है.
  • बाबा के पास PMO का फर्जी पहचान पत्र मिला है, जिसमें उसने खुद को एडवाइजरी काउंसिल का सदस्य बताया है.
  • बाबा ने फरीदाबाद के मानव रचना स्कूल को पत्र लिखकर खुद को राज्य का मंत्री बताया था.
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नई दिल्ली:

बाबा चैतन्यानंद के काले कारनामे लगातार सामने आ रहे हैं. उसके नए-नए फर्जीवाड़े लोगों को चौंका रहे हैं. खुद को दुनिया के सामने रसूखदार साबित करने के लिए उसने न सिर्फ संयुक्त राष्ट्र की नकली नंबर प्लेट (39 यूएन 1) अपनी लग्जरी कार पर लगाई. बल्कि और भी बड़े कारनामे किए, जिनकी पोल अब खुल गई है. बाबा की अब जमकर फजीहत हो रही है.

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बाबा के पास से प्रधानमंत्री कार्यालय का फर्जी पहचान पत्र मिला है, जिसमें बाबा ने खुद को प्राइम मिनिस्टर एडवाइजरी काउंसिल ऑफ एजुकेशन का मेंबर बताया है.  चैतन्यानंद का फर्जीवाड़ा यहीं नहीं रुका, उसने फरीदाबाद के मानव रचना स्कूल को लेटर लिखकर  खुद को मिनिस्टर ऑफ स्टेट बताया.

बाबा की बड़े-बड़े नेताओं संग कई तस्वीरें भी सामने आई हैं, जो पूरी तरह से फर्जी हैं और फोटोशॉप करके बनाई गई हैं. इन तस्वीरों में चैतन्यानंद उर्फ पार्थ सारथी सीएम योगी के साथ उनकी बराबर वाली कुर्सी पर बैठा दिखाई दे रहा है.इस फोटो को उसने सीएम योगी और बाबा रामदेव की असली फोटो से फर्जी तरीके से बनाया है. 

वहीं दूसरी तस्वीर में वह सीएम योगी और बाबा रामदेव के साथ खड़ा है. इस तस्वीर को उसने बाबा रामदेव के साथ किसी अन्य की तस्वीर को फोटोशॉप कर बनाया है.

वहीं तीसरी तस्वीर में वह सीएम सिद्धारमैया के साथ बातचीत करता दिखाई दे रहा है.तस्वीर देखकर ऐसा लग रहा है, जैसे दोनों बहुत करीबी हैं और किसी गंभीर मुद्दे पर बातचीत कर रहे हैं. हालांकि ये तस्वीर भी फर्जी है.

बता दें कि ये सभी तस्वीरें पूरी तरह से फर्जी हैं, जिनको उसने फोटोशॉप की मदद से टशन दिखाने के लिए बनवाया है, ताकि लोगों के बीच उसका महौल बना रहे. आश्रम के छात्र भी सोचें कि बाबा तो बहुत ही हाई प्रोफाइल है और बड़े-बड़े लोगों के साथ उसका उठना-बैठना है. इन फर्जी कार्यों के जरिए बाबा अपना रसूख लोगों के बीच बनाए रखना चाहता था. लेकिन अब उसकी पोल खुल गई है. एक-एक कर बाबा का हर फर्जीवाड़ा लोगों के सामने आ रहा हैय

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