दिल्ली: लाजपत नगर में आतंकी फंडिंग से जुड़े नेटवर्क का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार, लश्कर के लिए जुटा रहे थे फंड

CIK के अनुसार, तलाशी के दौरान डिजिटल डिवाइसेज़ और दस्तावेज़ बरामद किए गए हैं, जिनमें पाकिस्तानी हैंडलर्स के साथ बातचीत, संदिग्ध विदेशी फंड ट्रांसफर, हवाला चैनल और एन्क्रिप्टेड चैट शामिल हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
दिल्ली में आतंकी फंडिंग नेटवर्क का भंडाफोड़.
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • दिल्ली के लाजपत नगर में आतंकी फंडिंग से जुड़े बड़े नेटवर्क का जम्मू-कश्मीर की CIK ने भंडाफोड़ किया है.
  • दो कश्मीरी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया जो लश्कर-ए-तैयबा के लिए फंडिंग का काम कर रहे थे.
  • गिरफ्तार आरोपियों के पास से डिजिटल डिवाइसेज और दस्तावेज मिले, जिनमें संदिग्ध विदेशी फंड ट्रांसफर के सबूत हैं.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

दिल्ली के लाजपत नगर इलाके में आतंकी फंडिंग से जुड़े एक बड़े नेटवर्क  का भंडाफोड़ (Delhi Terror Funding Network Busted) हुआ है. जम्मू-कश्मीर की Counter Intelligence Kashmir (CIK) यूनिट ने दिल्ली पुलिस की मदद से इस हाई-प्रोफाइल ऑपरेशन को अंजाम दिया. इस कार्रवाई में दो कश्मीरी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है, जो लश्कर-ए-तैयबा  के लिए पैसे का इंतजाम कर रहे थे.

ये भी पढ़ें- धराली का भूगोल बदला, जगह-जगह कटे रास्ते... बादल फटने के बाद क्या है हालात? जानिए Top Updates

PoK में बैठकर भारत में आतंक की फंडिंग

यह पूरी कार्रवाई CIK थाना श्रीनगर में दर्ज एफआईआर के तहत की गई है, जो यूएपीए की कई धाराओं और आईपीसी की साजिश से जुड़ी धारा 120-B के तहत दर्ज है. सर्च वारंट श्रीनगर में एनआईए एक्ट के तहत कोर्ट से लिया गया था. CIK की जांच में सामने आया है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में बैठे लश्कर-ए-तैयबा के हैंडलर्स, खाड़ी देशों और अन्य विदेशी जगहों पर बसे पाकिस्तानी नागरिकों के साथ मिलकर भारत में आतंक की फंडिंग कर रहे हैं. ये फंडिंग हज और उमरा यात्रियों, बिजनेसमैन और प्रवासियों के जरिए हो रही थी.

लाजपत नगर से दो कश्मीरी नागरिक गिरफ्तार

जांच में ये भी पता चला है कि मोहम्मद अयूब भट, जो बडगाम (जम्मू-कश्मीर) का रहने वाला है और लाजपत नगर में एक कारोबारी यूनिट चलाता है, असल में लश्कर के लिए फंडिंग का बड़ा जरिया बना हुआ था. उसके साथ काम कर रहा था मोहम्मद रफीक शाह, जो बेमिना (श्रीनगर) का रहने वाला है. दोनों इस फाइनेंशियल नेटवर्क के मुख्य मोहरे थे.

CIK के अनुसार, तलाशी के दौरान डिजिटल डिवाइसेज़ और दस्तावेज़ बरामद किए गए हैं, जिनमें पाकिस्तानी हैंडलर्स के साथ बातचीत, संदिग्ध विदेशी फंड ट्रांसफर, हवाला चैनल और एन्क्रिप्टेड चैट शामिल हैं. इन डिवाइसेज़ की फॉरेंसिक जांच की जा रही है और उम्मीद है कि इससे एक बड़े अंतरराष्ट्रीय आतंकी फंडिंग रैकेट का खुलासा होगा.

छापेमारी में मिले कई अहम सबूत

CIK की टीमों ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर लाजपत नगर की कई जगहों पर छापेमारी की, जहां से जरूरी कागजात और इलेक्ट्रॉनिक सबूत मिले हैं. शुरुआती पूछताछ में यह भी साफ हुआ है कि इस नेटवर्क में विदेशों में बैठे आतंकी मास्टरमाइंड, खाड़ी देशों में मौजूद समर्थक और कश्मीर में सक्रिय ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) जुड़े हुए हैं.

Advertisement

CIK का कहना है कि यह नेटवर्क जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने और हिंसा को बढ़ावा देने की साजिश का हिस्सा था. आने वाले दिनों में इस जांच के और बड़े खुलासे हो सकते हैं.
 

Featured Video Of The Day
Uttarkashi Cloudburst: उत्तरकाशी में जल प्रलय! हर्षिल में सब कुछ बहा ले गया सैलाब, देखिए भयावह मंज़र