दिल्ली की ये 12 सीटें क्यों कही जाती हैं सत्ता की 'चाबी'; आंकड़ों से समझिए

Delhi Elections : दलित बहुल 20 सीटों की बात करें तो 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 56% वोट के साथ 19 सीटों पर कब्जा किया था. वहीं बीजेपी के खाते में सिर्फ एक सीट आई थी.

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Delhi Assembly Elections 2025 : दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान होगा.

नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Elections 2025) में बाजी मारने को लेकर सभी पार्टियां पूरी ताकत से जुटी हुई हैं और इसके लिए वो हर तरह की रणनीति पर काम कर रही हैं. आम आदमी पार्टी (AAP) हो, बीजेपी (BJP) हो या कांग्रेस (Congress), सभी की नजरें दलित मतदाताओं पर टिकी हैं. दिल्ली की राजनीति में दलित एक बड़ा फैक्टर हैं. दलित जिसके साथ होते हैं, उसकी सरकार बननी तय है.

प्रदेश में 12 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं, जबकि 20 सीटों पर इनका दबदबा है. दिल्ली का दलित वोट सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाता है और यही कारण है कि इन्हें अपने पाले में लाने के लिए तीनों ही पार्टियों ने वादों का पिटारा खोल दिया है. आज आपको डेटा के जरिए बताएंगे कि दिल्ली की सियासत में क्यों दलित वोट बेहद अहम है.

दिल्ली की 70 में से 12 सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित हैं. वहीं करीब 17% मतदाता दलित हैं. इनमें 38% जाटव हैं और 21% वाल्मीकि समाज से आते हैं. 

इस बार दिल्ली में बीजेपी ने 14, कांग्रेस ने 13 और आम आदमी पार्टी ने 12 दलित उम्मीदवार खड़े किए हैं. इसका मतलब है कि बीजेपी और कांग्रेस ने आरक्षित सीटों से ज्यादा दलित प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है, यानी बीजेपी और कांग्रेस ने सामान्य सीटों पर भी दलित उम्मीदवार उतारे हैं.

बीजेपी ने दो दलित उम्मीदवार सामान्य सीट से उतारे हैं. मटिया महल से दीप्ति इंदौरा और बल्लीमारान से कमल बागड़ी. वहीं कांग्रेस ने एक दलित उम्मीदवार अरुणा कुमारी को सामान्य सीट नरेला से उतारा है.

दिल्ली की आरक्षित सीटों पर जिस भी पार्टी का पलड़ा भारी होता है, सरकार उसी की बनती है.

SC सीटों पर जिसका वर्चस्व उसकी सरकार

  • 2020 : 12 सीट जीती AAP, सरकार बनाई
  • 2015 : 12 सीट जीती AAP, सरकार बनाई
  • 2013 : 9 सीट जीती AAP, सरकार बनाई
  • 2008 : 9 सीट जीती कांग्रेस, सरकार बनाई
  • 2003 : 10 सीट जीती कांग्रेस, सरकार बनाई
  • 1998 : 12 सीट जीती कांग्रेस, सरकार बनाई
  • 1993 : BJP ने 8 सीट जीती, सरकार बनाई

तो क्या इस बार भी सत्ता की चाभी अनुसूचित वर्ग के हाथ में रहेगी? पार्टियां अपने-अपने मुद्दों के जरिए उन्हें अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही हैं. हालांकि ये वक्त ही बताएगा कि वो किसके वादे पर भरोसा करेंगे और किसे नकार देंगे.

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दिल्ली : 12 SC सीटों पर कब किसका दबदबा

  • विधानसभा            2013         2015           2020
  • बवाना                  BJP          AAP            AAP
  • सुल्तानपुर माजरा    Cong         AAP            AAP
  • मंगोलपुरी             AAP           AAP            AAP
  • करोलबाग             AAP           AAP            AAP
  • पटेल नगर             AAP           AAP            AAP
  • मादीपुर                AAP           AAP            AAP
  • देवली                  AAP            AAP            AAP
  • अंबेडकर नगर         AAP           AAP            AAP
  • त्रिलोकपुरी             AAP           AAP            AAP
  • कोंडली                 AAP            AAP            AAP
  • सीमापुरी               AAP            AAP            AAP
  • गोकलपुर               BJP            AAP            AAP

वहीं दलित बहुल 20 सीटों की बात करें तो 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 56% वोट के साथ 19 सीटों पर कब्जा किया था. वहीं बीजेपी के खाते में सिर्फ एक सीट आई थी. कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था.


BJP के दलितों से किए वादे

  • दिल्ली में डॉ. बीआर अंबेडकर स्टाइपेंड योजना
  • तकनीकी शिक्षा के लिए SC छात्रों को 1,000 रु./महीने
  • व्यावसायिक शिक्षा के लिए SC छात्रों को 1,000 रु./महीने
  • झुग्गियों में 5 रुपये में भोजन की अटल कैंटीन योजना
  • घरेलू सहायकों के लिए 10 लाख का बीमा, 5 लाख का दुर्घटना बीमा


AAP के दलितों से किए वादे

  • दलित छात्रों के लिए डॉ अंबेडकर स्कॉलरशिप योजना
  • विदेश में पढ़ाई को इच्छुक SC छात्रों का खर्च उठाएंगे
  • धोबी समाज को घरेलू दर पर बिजली-पानी
  • धोबी समाज के लिए कल्याण बोर्ड का गठन
  • हाउसिंग स्कीम आई तो सफाईकर्मियों से शुरुआत

2015 और 2020 में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 12 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक भी सीट नहीं जीत पायी थी. पिछले चुनावों में भी, बीजेपी कभी भी इनमें से दो-तीन सीट से अधिक नहीं जीत पायी. दिल्ली में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 12 निर्वाचन क्षेत्रों सहित 30 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें दलित समुदाय के मतदाता 17 से 45 प्रतिशत तक हैं.

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12 आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों के अलावा, राजेंद्र नगर, चांदनी चौक, आदर्श नगर, शाहदरा, तुगलकाबाद, बिजवासन सहित 18 अन्य सीट हैं, जहां अनुसूचित जाति समुदाय के वोट 25 प्रतिशत तक हैं.

दिल्ली की 70 विधानसभा सीट के लिए पांच फरवरी को मतदान होगा. वहीं आठ फरवरी को मतगणना के बाद नतीजे घोषित किए जाएंगे.

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