दिल्ली सरकार आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) को लागू करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के साथ समझौता ज्ञापन पर 5 अप्रैल को साइन कर सकती है. सूत्रों के अनुसार 5 अप्रैल को एमओयू साइन होने की संभावना है, जो पहले 18 मार्च को होना था. इसके बाद दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना लागू होने का रास्ता साफ हो जाएगा. बीजेपी के चुनावी वादों में दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना लागू करना भी था, जिसे अब अमली जामा पहनाने की कवायद चल रही है.
पश्चिम बंगाल में भी नहीं है आयुष्मान भारत योजना
हालांकि, एमओयू पर साइन होने की तारीख अभी तय नहीं हुई है. लेकिन समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने के साथ, दिल्ली स्वास्थ्य बीमा योजना को लागू करने वाला 35वां राज्य/केंद्र शासित प्रदेश बन जाएगा. इसके बाद पश्चिम बंगाल एकमात्र ऐसा राज्य रहेगा, जिसने इस योजना को नहीं अपनाया है. सूत्रों ने बताया, ‘दिल्ली सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के कार्यान्वयन के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.'
AAP ने योजना लागू करने से कर दिया था इनकार
आयुष्मान भारत योजना को लागू करना दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख वादों में से एक था. इससे पहले आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली सरकार ने अपनी खुद की योजना शुरू की थी और एबी-पीएमजेएवाई को लागू करने से इनकार कर दिया था. बीजेपी ने पांच फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव जीता और 26 साल से अधिक समय के बाद दिल्ली में सत्ता में वापसी की.
आयुष्मान भारत योजना में कितने लाख का इलाज है मुफ्त?
आयुष्मान भारत योजना भारत की आबादी के आर्थिक रूप से कमजोर 40 प्रतिशत हिस्से में शामिल 12.37 करोड़ परिवारों के साथ लगभग 55 करोड़ लाभार्थियों को माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में प्रति परिवार, हर वर्ष पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करता है. केंद्र सरकार ने 29 अक्टूबर, 2024 को 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति से इतर, प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक के मुफ्त उपचार का लाभ प्रदान करने के लिए एबी-पीएमजेएवाई का विस्तार किया था.