Ground Report : दिल्ली में तापमान के बढ़ते ही 'सूखने लगा गला', पढ़ें आखिर लोग क्यों इस संकट को भारत-पाक संकट से बड़ा बता रहे

दिल्ली सरकार की ओर से जीपीएस आधारित नए टैंकर लगाए गए हैं ताकि पारदर्शिता बनी रहे और हर इलाके में समय से पानी पहुंचे. नीति आयोग के जल प्रबंधन सूचकांक के मुताबिक़, दिल्ली देश का दूसरा सबसे बड़ा जल संकटग्रस्त शहर है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
दिल्ली में पारा बढ़ते ही बढ़ने लगा पानी का संकट
नई दिल्ली:

दिल्ली में तापमान के बढ़ते ही कई इलाकों में पानी की समस्या एक बड़ी चुनौती की तरह सामने आ खड़ी हुई है. NDTV ने उन इलाकों को दौरा किया जहां इन दिनों पानी का संकट सबसे ज्यादा है. दिल्ली के कई इलाकों में पानी की समस्या कोई नई बात नहीं है, लेकिन संगम विहार जैसे क्षेत्रों में यह एक रोज़मर्रा की जद्दोजहद बन चुकी है. सुबह से ही महिलाएं खाली ड्रम लेकर सड़कों पर लाइन लगाकर खड़ी हो जाती हैं और इंतज़ार रहता है तो सिर्फ़ दिल्ली जल बोर्ड के टैंकर्स का.

गर्मी में टैंकर का इंतज़ार और पानी भरती महिलाएं अब दिल्ली की आम तस्वीर बन चुकी है. पानी के लिए खड़ी 55 साल की सावित्री कहती हैं, "यह पानी की समस्या तो भारत-पाकिस्तान के युद्ध से भी बड़ी समस्या है अगर यह पानी की समस्या खत्म हो जाए तो हम लोग गंगा नहा लेंगे".

उसके साथ पानी के लिए खड़ी 34 साल की शालू की शादी को 10 साल हो गए है. वो शादी के बाद संगम विहार में आई. परिवार में एक दिव्यांग पति और बुजुर्ग सास है. शालू के नाम से ही जल बोर्ड ने आज का यह पानी का टैंकर दिया है. वो कहती हैं, जब से मेरी शादी होकर यहां आई हूं तब से यह समस्या है. नल में पिछले 25 दिनों से पानी नहीं आया है इसलिए हम टैंकर पर मजबूर है. वो आगे कहती है कि कई सालों से यह संकट जारी है, और हर दिन 3 से 4 घंटे सिर्फ़ पानी भरने में निकल जाते हैं.

दरअसल, हर गली में 7 से 8 लोगों का एक ग्रुप बना है जिसको जल बोर्ड के ऑफिस जाकर अपना नंबर दर्ज करवाना होता है. इन्हीं ग्रुप के कहने पर जल बोर्ड हर सप्ताह एक टैंकर देता है. जिससे उस ग्रुप के अलावा गली के अन्य लोग भी पानी भर लेते है.

Advertisement
दिल्ली जल बोर्ड के अनुसार, राजधानी को हर दिन लगभग 1250 एमजीडी (मिलियन गैलन प्रति दिन) पानी की ज़रूरत होती है, लेकिन फिलहाल आपूर्ति महज 990 से 1000 एमजीडी के बीच है. इसका सीधा असर संगम विहार जैसे इलाके पर पड़ता है, जहां सरकारी टैंकर हफ्ते में महज एक बार आता है. घरों में खाने, नहाने और सफाई के लिए लोग टैंकर के पानी का उपयोग करते हैं, जबकि पीने का पानी उन्हें बाहर से खरीदना पड़ता है. कई परिवारों को मजबूरी में प्राइवेट टैंकर से 700 रुपये देकर 2500 लीटर पानी लेना पड़ता है.

दिल्ली सरकार की ओर से जीपीएस आधारित नए टैंकर लगाए गए हैं ताकि पारदर्शिता बनी रहे और हर इलाके में समय से पानी पहुंचे. वहीं, जल संकट को देखते हुए नए ट्यूबवेल भी लगाए जा रहे हैं. नीति आयोग के जल प्रबंधन सूचकांक के मुताबिक़, दिल्ली देश का दूसरा सबसे बड़ा जल संकटग्रस्त शहर है.दिल्ली की पानी की आपूर्ति काफी हद तक हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब से मिलने वाले पानी पर निर्भर करती है.

Advertisement

पानी की इस गंभीर समस्या पर अब सियासत भी गरमा गई है. आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब से भाजपा सरकार आई है, दिल्ली में जल संकट और बढ़ा है. आम आदमी पार्टी के नेता दिनेश मोहनिया ने कहा, 100 दिन की सरकार ने दिखा दिया है कि काम की राजनीति उनके बस की बात नहीं है, ये बस जुमलेबाजी की सरकार है. वो कहते हैं, स्थानीय विधायक ने कहा था कि हम पानी की समस्या दूर करेंगे, पर जितनी भी लाइनें हमने लगवाईं, उसमें एक फुट लाइन की भी वृद्धि नहीं दिख रही. मौजूदा सरकार के पास पानी की समस्या को कम करने के लिए कोई ठोस योजना नहीं है, बस जुमलेबाजी कर है.

Advertisement

वहीं, बीजेपी विधायक चंदन चौधरी का कहना है कि हमारी सरकार बनने के बाद से काफी बदलाव आया है. अभी पानी की समस्या में कमी आई है. हम यह नहीं बोल रहे कि समस्या खत्म हो गई लेकिन आने वाले दिनों में पानी की समस्या इस इलाके में सही हो जायेगा. चौधरी के मुताबिक, इलाके में चल रहे अवैध बोरिंग को बंद कर दिया है. लेकिन अभी भी कुछ जगहों पर अवैध बोरिंग चल रही है उसको भी जल्द बंद करवा देंगे. हमारी  सरकार आने के बाद अब ब्लैक में बिकने वाले टैंकर बंद हो गए है. दिल्ली में एक तरह पानी को लेकर राजनीति हो रही है तो वही दूसरी तरफ जनता परेशान है. देखना होगा कि दिल्ली में पानी की यह समस्या कब खत्म होगी और लोगो को राहत मिलेगी.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Raja Raghuvanshi Murder: Scooty GPS ने उगला सच! बेवफा Sonam ने ऐसे दिया पुलिस को चकमा, फिर भी धरी गई