दिल्ली के अस्पतालों में 15 दिनों मे दोगुने हुए कोरोना मरीज, विशेषज्ञों ने लोगों को दी यह सलाह..

हालांकि फिलहाल संक्रमण के मामलों और अस्‍पताल में भर्ती लोगों की संख्‍या में वृद्धि का आंकड़ा चिंताजनक स्‍तर पर नहीं है लेकिन विशेषज्ञों ने मास्‍क पहनने और कोविड अनुरूप व्‍यवहार का पालन करने की जरूरत बताई है.

Advertisement
Read Time: 20 mins
नई दिल्‍ली:

Delhi corona cases updates: देश की राजधानी दिल्‍ली में कोविड-19 के मामलों में आए उछाल ने प्रशासन की चिंता एक बार फिर बढ़ा दी है. चिंता इस बात को लेकर भी है कि पिछले एक पखवाड़े में कोविड संक्रमण के चलते अस्‍पतालों में भर्ती होने वालों की संख्‍या दोगुनी हुई है हालांकि अधिकारियों का कहना है कि पहले से किसी गंभीर बीमारी वाले (comorbidities) लोग ही अस्‍पताल में भती हो रहे हैं. हालांकि फिलहाल संक्रमण के मामलों और अस्‍पताल में भर्ती लोगों की संख्‍या में वृद्धि का आंकड़ा चिंताजनक स्‍तर पर नहीं है. विशेषज्ञों ने मास्‍क पहनने और कोविड अनुरूप व्‍यवहार का पालन करने की जरूरत बताई है.

दिल्‍ली में कोरोना मरीजों के लिए उपलब्‍ध 9405 बेड्स में से 307 (3.26%)  1 अगस्‍त को भरे. 2 अगस्‍त कोरोना मरीजों के लिए उपलब्‍ध मरीजों के बेड भरने की दर (occupancy rate) 3.75  फीसदी थी जो एक दिन बाद बढ़कर चार फीसदी पर पहुंच गई. इसके बाद से ज्‍यादातर दिनों में occupancy rate बढ़ी है और 16 अगस्‍त को यह  6.24 फीसदी थी. फोर्टिस अस्‍पताल शालीमार बाग के Pulmonology विभाग के डायरेक्‍टर और एचओडी डॉ. विकास मौर्य का कहना है कि पिछले एक-दो सप्‍ताह में वायरल इनफेक्‍शन के कारण अस्‍पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्‍या में वृद्धि हुई है. उन्‍होंने कहा, "ज्‍यादातर मरीज comorbidities वाले हैं और इनमें से कुछ का वैक्‍सीनेशन नहीं हुआ है. कुछ पेशेंट के फेफड़े पर असर है जिसके लिए उन्‍हें एंटी वायरल उपचार और कोविड दवाओं की जरूरत थी.  "

सरकारी एलएनजेपी अस्‍पताल के मेडिकल डायरेक्‍टर डॉ. सुरेश कुमार ने भी मौर्य की राय से सहमति जताई. उन्‍होंने कहा कि पिछले एक सप्‍ताह में मरीजों की संख्‍या बढ़ी है. पहले अस्‍पताल में भर्ती होने वाले रोजाना के मरीजों की संख्‍या चार से पांच होती थी जो अब बढ़कर 8 से 10 तक पहुंच गई है.  मंगलवार को सरकार ने बताया था कि अस्‍पतालों को अलर्ट पर रखा गया है. दिल्‍ली के डिप्‍टी सीएम मनीष सिसोदिया ने लोगों से बूस्‍टर डोज लगवाने की अपील की थी क्‍योंकि यह वायरस के खिलाफ अतिरिक्‍त 'सुरक्षा' प्रदान करता है. उन्‍होंने कहा था, "कोरोना से संक्रमित होकर अस्‍पताल में भर्ती होने वाले 90 फीसदी मरीज वे हैं जिन्‍होंने वैक्‍सीन की दोनों डोज नहीं है. इसी तहत तीसरी डोज (बूस्‍टर डोज) लेने के बाद केवल 10 फीदसी मरीज की कोरोना संक्रमित हुए हैं. इससे स्‍पष्‍ट है कि जिन लोगों ने एहतियाती (बूस्‍टर) डोज लिया है वे कोरोना संक्रमण से अधिक सुरक्षित हैं. "

Advertisement

* "मेरा नैतिक कर्तव्य है कि..." : विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने बताया, रूस से क्यों तेल खरीद रहा भारत
* अब परिभाषित करना होगा फ्री बी क्या है, हम करेंगे : सुप्रीम कोर्ट
* 200 करोड़ उगाही केस : ED की चार्जशीट में महाठग सुकेश के साथ एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडिस भी आरोपी

Advertisement

बिहार के नए कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को लेकर शुरू हुआ विवाद, CM Nitish Kumar ने कही ये बात

Advertisement
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Delhi Rangpuri Case: दिल्ली में एक ही परिवार के 5 लोगों के शव मिलने का राज क्या है?