राजधानी दिल्ली से हर दिन हजारों टन कचरा घरों से निकलता है. इसकी वजह से दिल्ली के ओखला लैंडफिल में कचरे का पहाड़ आम लोगों के लिए समस्या बनते जा रहे हैं. ये पहाड़ दिल्ली की खूबसूरती में एक बदनुमा दाग है. दिल्ली सरकार और नगर निगम द्वारा इन कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अभी तक कुछ सफलता हासिल नहीं हुई है.
दिल्ली में लैंडफिल के आसपास रहने वाले लोग अपनी आपबीती और अपने रहने की कठिन परिस्थितियों के दर्द को बताते हैं. उनका कहना है कि उनका क्षेत्र व्यापक और स्वच्छ हुआ करता था. लेकिन शहर का विस्तार हुआ और समय के साथ लैंडफिल आ गए. लैंडफिल के आसपास के कई निवासी दशकों से वहां रह रहे हैं. लेकिन इस कचरे का पहाड़ अब लोगों का जीना हराम कर दिया है.
लैंडफिल के आसपास रहने वाले लोगों को ‘खुली हवा में सांस लेने' में परेशानी होती है. साथ हवा चलने पर कचरे के पहाड़ से दुर्गंध आती है. कई लोग श्वास रोगों से जूझ रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि मजबूरी के चलते वह पिछले कई सालों से अपनी जिंदगी को खतरे में डाल रहे हैं.
लैंडफिल के आसपास रह रहे स्थानीय लोगों का कहना है कि वह अपन स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि वे इलाके में फैली जहरीली गैस और बदबू की वजह से अक्सर बीमार रहते हैं. यहां हर साल कचरे के पहाड़ पर गर्मियों में आग लग जाती है और उस समय यहां रह रहे बच्चों को श्वास लेने में परेशानी होती है.
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""कचरा प्रबंधन को लेकर कब गंभीर होगी सरकार? दिल्ली में बनते जा रहे हैं कूड़ों के पहाड़