- दिल्ली के कई इलाकों में मंगलवार सुबह वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया है.
- दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में फिलहाल ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान का दूसरा चरण लागू है.
- जहांगीरपुरी, रोहिणी, शाहदरा सबसे प्रदूषित क्षेत्र हैं, जहां पीएम 2.5 का स्तर लगातार उच्च दर्जा पर बना हुआ है.
दिल्ली के कई हिस्सों में मंगलवार सुबह वायु प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर' श्रेणी में दर्ज किया गया, जिससे राष्ट्रीय राजधानी देश के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक बन गई. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, शहर के कई इलाकों में वायु प्रदूषण का स्तर 'गंभीर' श्रेणी बना हुआ है. मंगलवार सुबह अलीपुर में एक्यूआई 434, आईटीओ पर 441, नेहरू नगर में 434, विवेक विहार में 441, वजीरपुर में 460 और बुराड़ी में 442 दर्ज किया गया है.
सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, एनसीआर क्षेत्र में नोएडा में एक्यूआई 415 और गाजियाबाद में 334 दर्ज किया गया.
वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान के लिए निर्णय समर्थन प्रणाली (डीएसएस) के अनुसार, रविवार को दिल्ली के प्रदूषण में, पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण की हिस्सेदारी लगभग 30 प्रतिशत थी, जबकि परिवहन क्षेत्र का योगदान 15.2 प्रतिशत था. उपग्रह से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को पंजाब में 100, हरियाणा में 18 और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की 164 घटनाएं हुईं.
ग्रैप तीन लागू करने की जरूरत नहीं
दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के पूर्वानुमान के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक शहर की वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में बनी रहेगी. फिलहाल दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) का दूसरा चरण लागू है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की उप-समिति के अनुसार फिलहाल दिल्ली में ग्रैप के तीसरे चरण को लागू करने की जरूरत नहीं है.
वर्तमान में लागू पहले चरण और दूसरे चरण के तहत चल रहे नियंत्रण उपाय दिल्ली-एनसीआर में जारी रहेंगे.
जहांगीरपुरी, रोहिणी, शाहदरा सबसे प्रदूषित क्षेत्र
जहांगीरपुरी, रोहिणी और शाहदरा इलाके सबसे प्रदूषित क्षेत्र हैं और अक्टूबर महीने में 23 दिन ऐसे रहे जब पीएम 2.5 के स्तर में वृद्धि देखी गई. जलवायु-तकनीक स्टार्टअप, रेस्पिरर लिविंग साइंसेज ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और गूगल एयरव्यू+ के आंकड़ों का उपयोग करके एक महीने का अध्ययन में ये निष्कर्ष निकाला है. अध्ययन के अनुसार जहांगीरपुरी-बवाना-वजीरपुर गलियारे को शहर के सबसे प्रदूषित क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया गया है, जिसमें औसत पीएम 2.5 का स्तर 140-146 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के बीच दर्ज किया गया. इसके बाद आनंद विहार और विवेक विहार गलियारा है, जहां पर पीएम2.5 का स्तर 133-135 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था.
विश्लेषण से खुलासा हुआ है कि शहर का प्रदूषण शीर्ष पर इसके उत्तर-पश्चिम और पूर्वी गलियारों में केंद्रित है, क्योंकि इसी क्षेत्र में औद्योगिक और आवासीय साथ-साथ हैं.
क्या होता है पीएम
पीएम 2.5 का अभिप्राय हवा में मौजूद बेहद सूक्ष्म कण हैं, जो 2.5 माइक्रोमीटर चौड़े या उससे भी छोटे होते हैं. ये इतने सूक्ष्म होते हैं कि ये फेफड़ों के रास्ते रक्तप्रवाह में भी पहुंच सकते हैं.














