दिल्ली चुनाव 2025 : इस बार किसकी होगी शालीमार बाग सीट? लगातार चौथी बार जीतने उतरेगी 'आप'

दिल्ली के पुराने इलाकों में गिनी जाने वाली शालीमार बाग सीट राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से एक है और यह उत्तर पश्चिम दिल्ली के अंतर्गत आती है. यह सीट राजधानी की महत्वपूर्ण और हाई प्रोफाइल सीटों में शुमार होती है.

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शालीमार बाग सीट राजधानी की महत्वपूर्ण सीटों में से एक है.
नई दिल्ली:

दिल्ली चुनाव की घोषणा होते ही राजनीतिक पार्टियों ने दिल्ली में अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं. पार्टियां अपने-अपने हिसाब से दिल्ली की सभी 70 सीटों का गुणा भाग कर रही हैं. ऐसे में दिल्ली की सभी सीटों का महत्व बढ़ जाता है. इस बार एक ओर भारतीय जनता पार्टी दिल्ली में यमुना सफाई, साफ पानी, सड़कों और तमाम स्थानीय मुद्दों पर सत्ताधारी पार्टी 'आप' को घेर रही है, तो दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी अपनी गवर्नेंस, स्कूल मॉडल, फ्री बिजली, पानी जैसे मुद्दों पर लोगों से वोट मांग रही है. इन सब के बीच कांग्रेस पार्टी भी 2013 से पहले अपने 15 साल के शासन में हुए विकास पर लोगों के बीच जा रही है.

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में एक एक सीट है शालीमार बाग विधानसभा सीट. दिल्ली की यह सीट मुगलकालीन धरोहर से जुड़ी हुई है. एक ओर जहां आम आदमी पार्टी इस सीट पर जीत हासिल कर दिल्ली की सत्ता में लगातार तीसरी बार काबिज होने की योजना बना रही है, तो दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी लंबे समय से चल रहे सत्ता से बाहर रहने के दौर को खत्म करना चाहती है. कांग्रेस के लिए यह सीट अब तक केवल सपना बनकर रह गई है, क्योंकि उसे यहां कभी भी जीत नहीं मिल पाई है.

मुगलों से जुड़ा शालीमार बाग का इतिहास

शालीमार बाग का इतिहास मुगलों से जुड़ा हुआ है, जहां इसकी नींव मुगल सम्राट शाहजहां की पत्नी इज़-उन-निसा ने 1653 में रखी थी. पहले इसे "ऐजाबाद बाग" के नाम से जाना जाता था. समय के साथ इस बाग का रूप बदल गया और अब यह स्थान वीरान हो चुका है, लेकिन यहां आज भी छायादार पेड़, सुंदर पार्क और शीश महल जैसी संरचनाएं मौजूद हैं.

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दिल्ली के पुराने इलाकों में गिनी जाने वाली शालीमार बाग सीट राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से एक है और यह उत्तर पश्चिम दिल्ली के अंतर्गत आती है. यह सीट राजधानी की महत्वपूर्ण और हाई प्रोफाइल सीटों में शुमार होती है. पहले यह सीट बाहरी दिल्ली विधानसभा का हिस्सा हुआ करती थी, लेकिन 2008 में इसे चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र के तहत शामिल कर लिया गया. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा इस सीट से विधायक रह चुके हैं.

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इस सीट पर आप ने बनाई है जीत की हैट्रिक

आम आदमी पार्टी इस सीट पर अपनी जीत की हैट्रिक बना चुकी है, जबकि इससे पहले भारतीय जनता पार्टी ने भी यहां अपनी हैट्रिक पूरी की थी. 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में, आम आदमी पार्टी की बंदना कुमारी ने भारतीय जनता पार्टी की रेखा गुप्ता को हराकर इस सीट पर जीत हासिल की. बंदना कुमारी को 57,707 वोट मिले, जबकि रेखा गुप्ता को 54,267 वोट मिले. कांग्रेस पार्टी के जेएस नायोल को 2,491 वोट मिले थे.

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इससे पहले, 2015 में भी बंदना कुमारी ने इसी सीट पर जीत दर्ज की थी, जब उन्हें 62,656 वोट मिले थे, और उन्होंने भाजपा की रेखा गुप्ता को हराया था. कांग्रेस के सुलेख अग्रवाल को 3,200 वोट मिले थे.

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2013 में भी इस सीट पर आम आदमी पार्टी की बंदना कुमारी ने भाजपा के राजेंद्र नाथ बंसल को हराया था. इस चुनाव में बंदना कुमारी को 47235 वोट मिले थे, जबकि भाजपा के रविंद्र नाथ बंसल को 36584 वोट मिले थे. इस चुनाव में कांग्रेस के नरेश कुमार गुप्ता तीसरे नंबर पर रहे थे. उन्हें 15659 वोट मिले थे.

5 फरवरी को मतदान

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदान 5 फरवरी को सिंगल फेज में होगा. चुनाव आयोग के मुताबिक कुल 83,49,645 पुरुष, 71,73,952 महिला और 1,261 थर्ड जेंडर को मिलाकर कुल 1.55 करोड़ मतदाता अपने बहुमूल्य अधिकार का प्रयोग करेंगे. नतीजे का ऐलान 8 फरवरी को होगा.

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