नोएडा प्राधिकरण में चौकीदार के पद पर रहते हुए करोड़ों का घोटाला करने वाले नितिन राठी पर अब बर्खास्तगी की तलवार लटक गई है. प्राधिकरण की जांच में उसे दोषी पाए जाने के बाद नोटिस जारी किया गया है. नोटिस का 15 दिनों के अंदर जवाब देना है. जवाब संतोषजनक न होने पर उसे पद से बर्खास्त करने की सिफारिश शासन से की जाएगी. जानकारी के अनुसार, नितिन ने प्लॉट और फ्लैट आवंटन के फर्जी अलॉटमेंट लेटर देकर 47 लोगों से अवैध रूप से करोड़ों की कमाई की थी. शिकायत मिलने पर इसकी जांच की गई और सारे आरोप सही पाये गया.उसके बाद यह नोटिस जारी किया गया है.
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नितिन राठी को नोएडा प्राधिकरण में चौकीदार की नौकरी उसके पिता उदयवीर राठी के मौत के बाद 2010 में अनुकंपा के आधार पर मिली थी और उसे नोएडा स्टेडियम में खेल प्रकोष्ठ में तैनाती दी गई थी नोएडा प्राधिकरण ने 2015 से पहले कैंसिल प्लाट व लेफ्ट आउट फ्लैट की आवासीय स्कीमें निकालीं. जब लोग इसके लिये आवेदन पत्र भर रहे थे. इसी का फायदा उठाकर नितिन ने लोगों से संपर्क कर कहा उसकी ऊपर तक पहचान है, यदि रुपये खर्च करो तो वह आवंटन करा सकता है. ड्रॉ होने पर लोगों को झांसा देते हुए नितिन कहता कि कुछ प्लाट और फ्लैट बचाकर रख लिए गए हैं. साथ ही कुछ ऐसे भी प्लाट या फ्लैट होते हैं, जिनका किसी न किसी कारण से आवंटन निरस्त हो जाता है.
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नितिन राठी उन्हीं प्लाट या फ्लैट के फर्जी कागजात थमाकर लोगों से रुपये ले लेता था और प्राधिकरण में भी किस्त के रूप में कुछ रकम जमा करा देता था. चूंकि लोगों को आवंटन पत्र मिल जाता था. प्राधिकरण में पैसा भी जमा हो रहा था, इसलिए उन्हें खुद के ठगे जाने का शक भी नहीं हुआ. ऐसे में जब रजिस्ट्री कराने का समय आया तो पूरे मामले की पोल खुली और हंगामा शुरू हुआ. इस पर प्राधिकरण अधिकारियों के पास शिकायत पहुंची. इसी दौरान राठी के खिलाफ तमाम लोगों ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें किस तरह से उसने लोगों से ठगी की, उसके साक्ष्य तक प्रस्तुत किए गए थे. प्राधिकरण की जांच में उसे दोषी पाए जाने के बाद नोटिस जारी किया गया है. सूत्रों के अनुसार इस घोटाले में बड़े अधिकारी भी शामिल थे जो नितिन की आड़ में यह खेल खेल रहे थे और जब खुलासा हुआ तो नितिन को बलि का बकरा बना दिया गया.